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73वें गणतंत्रता दिवस पर डीटीयू में कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने फहराया तिरंगा

DTU Republic day function

नई दिल्ली, 26 जनवरी।  73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) प्रांगण में कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने तिरंगा फहराया। इस अवसर पर उनके साथ कुलसचिव प्रो. मधुसूदन सिंह सहित शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों व सुरक्षा कर्मियों आदि ने भी तिरंगे को सलामी दी। कुलपति ने सबको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आज वह पावन दिवस है जिस दिन हमारे अपने संविधान की स्थापना हुई थी। सन 1950 में आज के ही दिन अंग्रेजों के कानून को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।  

उन्होने कहा कि इसी संविधान की बदौलत आज हम उस गणतंत्र व्यवस्था में जी रहे हैं जहां हमें अपनी सरकार अपने आप चुनने का अधिकार है। महान स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद ही हमें ये पूर्ण स्वराज मिला है। उन्होने कहा कि हमारे बहुत से ऐसे ज्ञात और अज्ञात महापुरुष रहे हैं, जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिए न्यौछावर किया। हम उन सभी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। उन्होने संविधान के निर्माण में भारत रत्न बाबा साहब डाक्टर भीम राव अंबेडकर की मेहनत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होने हमें समानता का अधिकार दिया। हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार देकर अपनी सरकार चुनने का अधिकार दिया। इसी संविधान की बदौलत हमें पूरी आजादी है।

कुलपति ने कहा कि देश को आजाद करवाने से लेकर आजादी के बाद एक राष्ट्र के रूप में विकसित करने व आधुनिक भारत के निर्माण के लिए हर व्यक्ति का अपना योगदान रहा है। उन्होने कहा कि आज हम जहां भी हैं, वहीं से अपने कार्यों को निष्ठा व ईमानदारी के साथ पूर्ण करें तो यह भी राष्ट्र की उन्नति में बड़ा योगदान होगा। उन्होने कहा कि डीटीयू परिवार भी देश की उन्नति के लिए पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ कार्य कर रहा है। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने के साथ उनके प्रोजेक्टों व स्टार्टअप में सहयोग देना भी निश्चित रूप से बहुत बड़ा योगदान है।

कुलपति प्रो. सैनी ने कहा कि राष्ट्रभक्ति का जज्बा केवल 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिनों में ही नहीं होना चाहिए बल्कि देश भक्ति का जज्बा पूरे वर्ष होना चाहिए। अगर हम 365 दिन उसी जज्बे, उसी भक्ति और उसी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों को पूरा करेंगे तो राष्ट्र की उन्नति में हमारा योगदान भी रहेगा, क्योंकि बूंद बूंद से ही सागर भरता है। उन्होने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि इस देश को जल्द ही विकसित राष्ट्र में परिवर्तित करने के लिए आप सभी का योगदान अमूल्य है। उन्होने उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि आप सभी अपने छोटे से छोटे कार्य का भी सम्मान करें और उसके लिए आदर भाव रखें। उनसे पूर्व डीटीयू कुलसचिव प्रो. मधुसूदन सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर डीटीयू खेल परिषद द्वारा देशभक्ति दौड़ और क्रिकेट मैच का आयोजन भी किया गया।

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