ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) के यूनियन ने विदेशी कंपनियों को देने के पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है.
- यूनियन का कहना है कि सरकार को ऐसा कदम उठाने के बजाय कंपनी को सशक्त करना चाहिए और उसे समान अवसर उपलब्ध कराना चाहिए. ONGC के यूनियन ने 11 नवंबर को हरदीप पुरी को लिखे पत्र में कहा है कि ONGC के क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य से नीचे गैस मूल्य निर्धारण की समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि छोटे और दूरदराज के क्षेत्रों से उत्पादन को व्यवहार्य बनाया जा सके एवं ONGC को प्राकृतिक गैस के छोटे पूल के विपणन की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, जो वर्तमान मूल्य व्यवस्था में व्यवहार्य नहीं है. पत्र में कहा गया है कि ONGC के लिए सांविधिक मंजूरी और प्राधिकरणों को महत्तम करने के अलावा प्रक्रियात्मक पहलुओं को बदलने की जरूरत है ताकि कंपनी को तेजी से निर्णय लेने में मदद मिल सके. मौजूदा क्षेत्रों में हिस्सेदारी बेचने से घरेलू उत्पादन बढ़ाने के वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस क्षेत्र को थाली में सजाकर निजी ऑपरेटर को सौंपना सफल नहीं होगा और इसलिए, हमारी राय में, आगे नहीं बढ़ना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि तेल और गैस की खोज करना एक अत्यधिक जोखिम भरा काम है, जहां बहुत कम लोग भाग लेना पसंद करते हैं. यह बोली प्रक्रिया से भी स्पष्ट है, जहां केवल ONGC और कुछ हद तक OIL ने ही बोली लगाई है.