केंद्र और यूपी सरकार की बदौलत उत्तरप्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रूप में प्रदेश को एक और नई सौगात मिलने जा रही है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल में बने नए एक्सप्रेसवे के उदघाटन के लिए यूपी पहुंचेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को विकास का एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है क्योंकि यह दो बड़े शहर लखनऊ और दिल्ली को पूर्वांचल से जोड़ता है। यह नया इंफ्रास्ट्रक्चर पूर्वांचल के उद्योगों के लिए वरदान साबित हो सकता है क्योंकि अब तक अछूते रहे पूर्वांचल के इलाके आसानी से यूपी के मुख्य जिलों से जुड़ जाएंगे।
यूपी के कई जिलों को जोड़ेगा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 14 जुलाई 2018 को इस प्रोजेक्ट की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आजमगढ़ में रखी गई और तब से लेकर अब तक इसको बनाने में 22500 करोड़ की कुल लागत आई। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे ओद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा यह एक्सप्रेसवे 36 महीनों में बनकर तैयार हुआ है जो कि उत्तरप्रदेश सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।
6 लेन के इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई लगभग 340 किमी है जो कि लखनऊ के चाँद सराय से शुरू होकर हैदरिया (यूपी-बिहार) बॉर्डर के निकट समाप्त होता है। इस पर सुल्तानपुर में एक 3 किमी लम्बी हवाई पट्टी का भी निर्माण किया गया है जो कि भारतीय सेना के लड़ाकू विमानों को उतारने की क्षमता रखती है।
एक्सप्रेसवे उद्गाटन समारोह में होगा एयर शो
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आज इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उदघाटन भी किया जा रहा है इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहाँ पहुंचेंगे जिसके बाद उदघाटन समारोह शुरू होगा। उदघाटन समारोह हवाई पट्टी के निकट होगा जहां भारतीय वायु सेना के द्वारा एयर शो का एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। एयर शो में सुखोई , जगुआर , मिराज लड़ाकू विमान इस एक्सप्रेसवे से उड़ान व लैंडिंग करेंगे।
उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में निर्मित हो रहा यह प्रोजेक्ट एक बहुत ही महत्वकांशी प्रोजेक्ट था जो पूर्वांचल के लोगों के लिए विकास की राह आसन कर सकता है। उत्तरप्रदेश के चुनावों में विभिन्न राजनितिक पार्टियों के द्वारा पूर्वांचल के विकास को लेकर लगातार कोई न कोई वादे किये जाते है लेकिन भाजपा के लिए यह प्रोजेक्ट आने वाले चुनावों में विकास के एक उदाहरण की तरह काम करेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस यूपी के कई मुख्य जिलों आजमगढ़, गाजीपुर, अम्बेडकरनगर, मऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी को लखनऊ और दिल्ली जैसे क्षेत्रों से जोड़ेगा। इस निर्माण के पूरा होने के बाद इसके आसपास के लगे क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा कई नए ओद्योगिक क्षेत्र खुलने की संभावना होगी। इसके अलावा शैक्षिक संस्थान, प्रशिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, वाणिज्यिक क्षेत्रों की स्थापना भी हो पाएगी।