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स्वस्थ्य शरीर के लिए पाचन का सही होना जरुरी

Good Digest System is Important for good health

शरीर को अपना काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो उसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों से मिलती है, लेकिन जो सबसे जरूरी है वह है, इनका सही तरीके से पाचन। बस यहीं छुपा है आपकी सेहत का राज।

मानव शरीर ईश्वर की अनमोल धरोहर है, इसकी देखरेख में किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इसकी अनदेखी की कीमत हमें ही चुकानी पड़ती है। हमारे पूर्वजों ने भी ‘निरोगी काया’ को इंसान का पहला सुख बताया है। सर्वप्रथम अगर हम इसे निरोगी रखना चाहते हैं तो हमारे मुखमार्ग से हमारे भीतर क्या और कैसा पदार्थ अंदर जा रहा है इस पर ध्यान देना जरुरी है। आहार की शुद्धता और उनसे जुड़े नियमों का पालन करते हुए ही हम स्वस्थ्य काया को पा सकते हैं। इसके साथ ही आहार शरीर के जिस हिस्से (पाचन तंत्र) में जाकर हमें पोषण प्रदान करता है, उसपर भी हमारा विशेष ध्यान रहना चाहिए, क्योंकि अगर किसी वजह से यह प्रभावित होता है तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। हमारे देश में तो प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दे पर चरक संहिता जैसे कई प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथो की रचना हुई है, जिसमे आहार-विहार से जुड़े अनेक नियमों को विस्तार पूर्वक समझाया गया है। पाचन तंत्र भोजन को पचाने का काम करता है, इस क्रिया में भोजन छोटे-छोटे घटकों के रूप में विभक्त हो जाता है ताकि उन्हें रक्तधारा में अवशोषित किया जा सके। हमारा पाचन तंत्र भोजन को पर्याप्त पोषक तत्वों में बदलते हुए शरीर की आवश्यकता को पूरा करता है। जिनसे शरीर को ऊर्जा मिलती है । मनुष्य के पाचन तंत्र में यकृत अग्नाशय व पित्ताशय शामिल होते हैं। पेट के महत्वपूर्ण पाचन हिस्सों में जठरांत्र मार्ग आपके मुंह से गुदा तक कई अंगों द्वारा जुड़ा होता है। इसमें मुंह ग्रास नली पेट छोटी आंत, बड़ी आंत और गुदा की मुख्य भूमिका होती है।

इसके अलावा भोजन को पचाने में आपके मुंह में बनने वाली लार या सलाइवा की अहम भूमिका होती है। इसीलिए डॉक्टरों द्वारा प्रातः उठने के बाद हल्का गुनगुना पानी पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि रात भर मुंह में बनने वाली लार और अन्य तत्व हमारे पाचन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं साथ ही गुनगुना पानी शरीर के विषैले तत्वों की सफाई का काम करता है। मुख की लार एक प्रकार का जलीय तरल होता है, जिसके रसायनो के साथ दांतो द्वारा चबाए गए भोजन की रासायनिक प्रक्रिया होती है। इसलिए यह भोजन को तरल रूप में बदलने का कार्य भी करती है। कभी-कभी कम मात्रा में लार का बनना भी हमारे पाचन क्रिया के लिए ठीक नहीं होता। यह कई बीमारियों को जन्म देता है।

उम्र के अनुसार शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और भोजन में बदलाव होता रहता है। कम उम्र या युवावस्था में जहां इंसान का पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है वहीं उम्र के बढ़ने के साथ ही इसकी क्षमता भी प्रभावित होने लगती है। लेकिन मजबूत पाचन होने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने आहार में कुछ भी शामिल कर लें। ऐसा करना आपके पाचन तंत्र को कमजोर और बीमार बना सकता है। शरीर और पाचन के अनुसार किया गया भोजन आपके हाजमे के लिए अच्छा होता है और पेट भी अच्छे से साफ हो जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो यह आपके अच्छे स्वास्थ्य का संकेत है। वहीं शरीर में अपच और बदहजमी की स्थिति यह बताती है कि आपके आहार-विहार के साथ ही दिनचर्या में कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी जरूर है।

डॉक्टरों के अनुसार अनियमित दिनचर्या और आहार विहार की इसी गड़बड़ी की वजह से न केवल बुजुर्ग बल्कि युवा भी पेट संबंधी विकारों से ग्रस्त हैं। अनेक युवाओं में जहां बाहर का खाना लाइफस्टाइल और स्टेट्स सिंबल से जुड़ चुका है, वहीं तनाव होने पर उनका नशे की ओर आकर्षित होना एक आम बात होते जा रही है। देर रात जागते हुए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की लत पाचन विकारों के साथ ही अन्य बीमारियों को भी आमंत्रित करती है जिसमे अवसाद प्रमुख है। अगर आप अपने पाचन को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो कुछ नियमों का पालन करते हुए इसे दुरुस्त कर सकते हैं, और एक स्वस्थ्य और सेहतमंद जिंदगी जी सकते हैं।

समय पर करें भोजन

शरीर के पाचन तंत्र द्वारा भोजन को पचाने के लिए कुछ समय चाहिए होता है, इसके लिए जरुरी है की आप नाश्ते से लेकर रात के खाने के बीच एक निश्चित समयांतराल रखते हुए भोजन करें। इसके साथ ही दिन में ही लंबे समय तक भोजन न करना आपके पाचन को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए अगर आप समय से भोजन करने में अनियमितता बरतते है, तो यह आपके सेहत के लिए ठीक नहीं।

रात की बात

रात के समय भोजन करने के बाद तुरंत बिस्तर पर जाने की बजाय कुछ समय तक हल्की-फुल्की चहल कदमी करते रहें। क्योंकि तुरंत सोना आपके हाजमे के लिए ठीक नहीं।

तनाव से रहें दूर

अत्यधिक तनाव आपके पाचन तंत्र के साथ ही आपकी नींद को भी प्रभावित कर सकता है। आपने देखा होगा कि तनाव की स्थिति में आपका जी भोजन करने का नहीं करता। और तो और तनाव की यह स्थिति आपके नींद को भी प्रभावित करती है, जिससे रात के वक्त पाचन की क्रिया सुचारु रूप से नहीं हो पाती और सुबह अपच की स्थिति में आपका पूरा दिन बिगड़ सकता है।

जंक फूड को कहें ना

अगर आपके भोजन में बाहरी और जंक फ़ूड की मात्रा अधिक है तो अपच होने के साथ ही शरीर में हानिकारक टॉक्सिन्स की मात्रा भी बढ़ सकती है। टॉक्सिन्स शरीर में कई कारणों से बनने वाले विषैले पदार्थ होते हैं। टॉक्सिन्स जमा होने पर यह सबसे पहले पेट पर ही अपना असर डालते हैं, इससे आपको कब्ज, एसीडिटी और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपका जी खुशबू और बदबू की अधिकता को बर्दाश्त नहीं कर पाता इसके साथ ही सिर में दर्द होता हो तो समझ जाइए कि आपका शरीर टॉक्सिन्स के जमा होने की तरफ इशारा कर रहा है। वहीं इसकी बढ़ी हुई मात्रा आपकी मांशपेशियों में परेशानी का सबब बन सकता है।

This Food Represent Junk Food Consume in Daily Human Life

सही भोजन का चुनाव है जरूरी –

खाने के साथ ही क्या खाना है, इसकी जानकारी भी जरुरी है। भोजन शरीर को सबसे मौलिक स्तर पर पोषण देता है और जो आपके स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और ऊर्जा के निर्माण के लिए जिम्मेदार है। भोजन के विभिन्न तत्व, जैसे कि विटामिन, खनिज, और फाइटोन्यूट्रिएंट आपको ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं। इसीलिए हमें अपने भोजन में हरी और पत्तेदार सब्जियां, फल, दूध के साथ ही अन्य पौष्टिक तत्वों को शामिल करना चाहिए। इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए भोजन कैसे पकाया जाए, जैसे तेल की कम मात्रा का [प्रयोग और भोजन पूर्ण रूप से पका हो।

Indian Meal Thali Represent Healthy Home Food for Good Health

कब क्या खाएं

सुबह ऊर्जा से भरा और भोजन की बढ़ी हुई मात्रा ले सकते है तो दोपहर से इसकी मात्रा में कमी करते हुए रात में हल्का और सुपाच्य भोजन अपने खाने में शामिल करें।

आपका सेहत अनमोल है और सेहतमंद रहते हुए ही आप अपने जीवन जीवन का खुलकर आनंद ले सकते हैं।

लेखिका:
समीक्षा राय

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