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राजस्थान सरकार लंपी बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए कर रही पूरी संवेदनशीलता के साथ काम – कटारिया

जयपुर : राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने आज विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार गौवंश को लम्पी स्किन बीमारी से बचाने के लिए पूरी संवेदनशीलता और सजगता के साथ कार्य कर रही है और मंगलवार को एक ही दिन में 85 हजार गायों में टीकाकरण किया गया है।
श्री कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि प्रदेश में गत अप्रैल में इस बीमारी के संक्रमण की पुष्टि हुई और 12 मई को ही गाइडलाइन जारी कर बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। उन्होंने बताया कि टीकाकरण की गति को तेज किया गया है। मंगलवार की रिपोर्ट अनुसार एक ही दिन में 95 हजार गायों में टीकाकरण किया गया है। उन्होंने लम्पी बीमारी को नियन्त्रित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान भी किया।
श्री कटारिया ने बताया कि सरकार द्वारा 45 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के आदेश दिए गए थे जिनमें से 16 लाख वैक्सीन प्राप्त हो गई है। श्री कटारिया ने स्पष्ट किया कि लम्पी रोग से ग्रसित गायों का आंकड़ा राज्य सरकार पशुधन सहायक, पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक तथा जिला अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर तय करती है तथा अन्य किसी भी तरह का सर्वे नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि इस बीमारी को लेकर औषधि आपूर्ति के लिए 40 करोड़ रुपए कॉनफैड के माध्यम से दिए जाएंगे जिसमें छह करोड़ रुपए जिलों को दिए जा चुके हैं तथा शीघ्र ही अतिरिक्त सात करोड़ रुपए भी कॉनफैड के माध्यम से दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा सभी जिलों को लम्पी बीमारी के संबंध में 12 मई तथा 27 जुलाई को एडवाइजरी जारी कर पशुओं के उपचार और बीमारी की रोकथाम के लिए निर्देश जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने लम्पी बीमारी की पहली समीक्षा बैठक में 30 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। साथ ही विधायकों ने भी अपने विधायक कोष से 10-10 लाख रुपए इस बीमारी के नियन्त्रण के लिए दिए थे।
इससे पहले श्री कटारिया ने विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि वर्तमान में प्रदेश के गोवंशीय पशुओं में लम्‍पी नामक बीमारी फैल रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लम्‍पी रोग से ग्रसित गोवंश की मौत होने पर सरकार द्वारा गोपालकों को किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को गत 29 अगस्त को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि प्राकृतिक आपदा के तहत लम्‍पी स्किन डिजीज को महामारी घोषित किया जाये ताकि पशुपालकों और गौशालाओं को इस बीमारी से मरने वाले गोवंश का मुआवजा दिलवाकर पशुपालकों को राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि लम्‍पी रोग को महामारी घोषित किए जाने पर उपलब्‍धता अनुसार प्रदेश के गोपालकों को उनके गोवंश की मृत्‍यु होने पर मुआवजा दिया जा सकेगा।

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