नई दिल्ली: राज्यसभा से 7 बार सांसद रहे किंग महेंद्र प्रसाद का रविवार की रात 12.30 बजे 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह कई दिनों से लंबी बीमारी से पीड़ित होने के कारण दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। बिहार के अंदर उनकी छवि समाज के कमजोर वर्गो के उत्थान के लिए काम करने वाले नेता के तौर पर थी। उनके इसी समाजिक कल्याण के कारण बिहार की जनता का उनको भरपूर साथ मिला और वह बिहार से 7 बार राज्यसभा सांसद चुने गए। किंग महेंद्र देश के प्रमुख उद्योगपति भी थे अरिस्टो फार्मास्युटिकल्स और माप्रा लेबोरेट्रीज के मालिक होने के साथ वह देश के अग्रणी कारोबारी थे। उनकी कुल संपत्ति लगभग 4 हजार करोड़ रूपये है।
किंग महेंद्र प्रसाद इकोनॉमिक्स में स्नातक थे। 1971 में फार्मास्यूटिकल कम्पनी अरिस्टो की शुरुआत की। कम्पनी को उन्होंने बड़ी कामयाबी तक पहुंचाया भारत के अलावा उनकी कम्पनी द्वारा बनाई गई दवा का कारोबार दुनिया के कई अन्य देशों में भी फैला।
अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ शुरू की जब 1980 में वह जहानाबाद से चुनाव लड़े और लोकसभा के लिए चुने गए। आज उनको सबसे अमीर राज्यसभा सांसद के तौर पर जाना जाता है। राजनीतिक करियर की उनकी शुरुआत शानदार रही लेकिन 1984 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन राजीव गांधी से करीबी रिश्ते होने का लाभ उन्हें मिला और उन्होंने अगले ही साल फिर से उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया। लेकिन कुछ समय बाद उनका साथ कांग्रेस से छूटा और वे लालू की पार्टी से जुड़ गए और उनसे जुड़ने के बाद भी उन्होंने राज्यसभा में अपनी जगह पक्की की।
किंग महेंद्र की बिहार की जनता और राजनितिक पृष्ठभूमि में उनकी छवि बहुत बड़ी होती चली गयी। वह एक प्रभावी नेता के तौर पर राज्यसभा में अपना योगदान तीन दशकों तक देते रहे। अब उनके अचानक निधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राजनेताओं और राजनितिक पार्टियों के द्वारा शोक व्यक्त किया गया है।