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राम मंदिर से धर्मनिरपेक्षता मजबूत होगी

तिरुवनंतपुरम : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) केरल के अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगल ने कहा है कि अयोध्या में नवनिर्मित राम जन्मभूमि मंदिर देश में धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करेगा। गौरतलब है कि आईयूएमएल राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का दूसरा सबसे बड़ा सहयोगी है। श्री थंगल ने कहा कि अयोध्या में मंदिर के खिलाफ विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह देश के अधिकांश लोगों की मांग के कारण वास्तविकता में तब्दील हो गया है। उन्होंने केरल में एक सार्वजनिक बैठक में विवादित मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट की है।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने एक सप्ताह पहले ये बातें कही थीं, लेकिन आईयूएमएल नेता की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर इस समय वायरल हो रही है। उन्होंने ये बातें 24 जनवरी को पुलपाटा पंचायत में अपनी पार्टी की बैठक में कही थी, जिसके ठीक दो दिन पहले यानी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की थी।
उन्होंने कहा, “मंदिर की मांग देश के बहुसंख्यक लोगों की है। इसका विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है। मंदिर उच्चतम न्यायालय के फैसले से अस्तित्व में आया और न्यायालय के फैसले के तहत ही बाबरी मस्जिद बनने जा रही है।” हम इससे पीछे नहीं हट सकते। ये दोनों भारत की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने के महान उदाहरण हैं। हमें इसे आत्मसात करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “एक बहुलवादी समाज में हर किसी की अपनी-अपनी मान्यताएं, परंपराएं, रीति-रिवाज होते हैं। देश उसके अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है।”
उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने नष्ट कर दिया था। हमने उस समय विरोध किया था, लेकिन, भारतीय मुसलमान खासकर केरल मेंसहिष्णुता के साथ इसका सामना करने में सक्षम हैं,। केरल के मुसलमान पूरे देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करने में सक्षम हैं।”
श्री थंगल की टिप्पणी पर उपजे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए आईयूएमएल विधायक पी.के. कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि श्री थंगल का का उद्देश्य समाज में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक विरोधी परेशानी पैदा करने के लिए भाषण की सामग्री का दुरुपयोग और गलत व्याख्या कर रहे हैं।”
इस बीच, कांग्रेस नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि आईयूएमएल नेता सांप्रदायिक आधार पर लोगों को विभाजित करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंडे का जवाब देते हुए समाज में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे।
केरल भाजपा ने देश में आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों के बीच भ्रम पैदा करने वाले आईयूएमएल नेता के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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