विजयवाडा : आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को कौशल विकास घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की नियमित जमानत मंजूर कर ली। उच्च न्यायालय ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नियमित जमानत मंजूर कर ली और उन्हें 29 नवंबर से सभी राजनीतिक और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति दी गयी है। उच्च न्यायालय ने दलील दी “इसका कोई सबूत नहीं मिला है कि नायडू गवाहों को प्रभावित करेंगे।”
विधानसभा में विपक्ष के नेता नायडू की नियमित जमानत मंजूरी पर न्यायमूर्ति टी मल्लिकार्जुन राव ने तर्क दिया, “ रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से निश्चित रूप से यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि गलत तरीके से जुटायी गयी राशि तेलुगू देशम पार्टी के बैंक खातों में भेज दी गई थी।
” न्यायाधीश ने कहा कि फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में उजागर विसंगतियों के लिए नायडू को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जिसके अनुसार 371 करोड़ रुपये में से कम से कम 241 करोड़ रुपये एसआईएसडब्ल्यू और डिजाइन टेक द्वारा गलत तरीके से गबन किए गये और विभिन्न शेल कंपनियों को दिये गये। उन्होंने कहा, “अभियोजन पक्ष को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि तेदेपा प्रमुख को ऐसी विसंगतियों के लिये कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुये पार्टियों के हस्ताक्षरों में भिन्नता और तुलना करना उनका कर्तव्य नहीं है। ”
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाना बाकी है कि रिपोर्ट में उल्लिखित मतभेदों को मूल कारण कैसे माना जा सकता है। उच्च न्यायालय ने नायडू को 30 नवंबर को एसीबी अदालत में पेश होने और अपने इलाज से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
इससे पहले, अदालत ने 31 अक्टूबर को नायडू की चिकित्सा आधार पर चार सप्ताह के लिये अंतरिम जमानत मंजूर कर थी और उन्हें मोतियाबिंद सर्जरी सहित चिकित्सा उपचार कराने का निर्देश दिया था। उल्लेखनीय है कि नायडू को कौशल विकास घोटाला मामले में नौ सितंबर को आंध्र प्रदेश अपराज जांच विभाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था।