नई दिल्ली: खाद्य तेल, साग-सब्जियों तथा अनाज और मांस-मछली की कीमतों में तेजी के बीच खुदरा मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में बढ़कर आठ साल के अपने उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पिछले माह मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत और अप्रैल 2021 में 4.23 प्रतिशत थी। इससे पहले मई 2014 में खुदरा मुद्रास्फीति 8.3 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में सभी वस्तु समूहों का खुदरा मूल्य सूचकांक 170.1 रहा जो अप्रैल 2021 में 157.8 अंक था।
अप्रैल में कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.38 प्रतिशत रही जो मार्च महीने में 7.68 प्रतिशत थी। पिछले साल अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति 1.96 प्रतिशत थी। अप्रैल महीने में ग्रामीण क्षेत्र संबंधी खुदरा मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 7.66 प्रतिशत से बढ़कर 8.38 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इसी दौरान शहरी क्षेत्र के लिए खुदरा मुद्रास्फीति मार्च के 6.12 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल में 7.09 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
यह लगातार चौथा महीना है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 06 प्रतिशत के ऊपर लक्षित दायरे से ऊपर है। रिजर्व बैंक ने महंगाई पर नियंत्रण के लिए इस माह के शुरू में अपनी नीतिगत दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 4.40 प्रतिशत कर दिया है। रिजर्व बैंक ने बैंको पर लागू आरक्षित नकदी अनुपात की सीमा भी 0.5 प्रतिशत बढ़ा दी है।