कुशीनगर : राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गोरखपुर मंडल के अध्यक्ष रामभवन राव ने खेती मे बढ़ती लागत तथा रोजमर्रा की जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार को चीनी की न्यूनतम खरीद कीमत चालीस रूपये प्रति किलो एव राज्य सरकार को गन्ने की न्यूनतम खरीद मूल्य पांच सौ रुपया प्रति कुंतल करने की मांग की है। राव ने कहा कि खेती आज भी देश मे सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है लेकिन लागत एवं प्राकृतिक अनिश्चितता के चलते सबसे कम आय देने वाला सेक्टर बन गया हैं। किसानों की बचत की दर तेजी से गिर रही है जिससे एक तरफ कर्ज जाल में फंस रहे हैं दूसरी तरफ स्थानीय बाजार मंदी का सामना करने को मजबूर हो गए है जिससे किसान एवं छोटे व्यापारी बदहाल हो रहे है।
भारत मे खेती लगभग घाटे का सौदा बन गया है लेकिन देश को भूख, बेरोजगारी तथा विश्वव्यापी मंदी से बचाने हेतु देश का किसान घाटा उठाते हुए भी इस बोझ को दशकों पूर्व से उठाता चला आ रहा है। केवल फसल की कीमत बढ़ाने से ही किसानों की समस्या कम नहीं होगी बल्कि खेती की लागत घटाने हेतु सरकार को भारी निवेश करना होगा तथा प्रति एकड़ प्रतिवर्ष एक निश्चित एवम सम्मान जनक धनराशि किसान को मुहैया करानी होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारों के अदूरदर्शी सोच के कारण खेती अभिशाप बनी हुई है, खेती मे जमीन की सीलिंग तथा बढ़ती जनसंख्या के कारण छोटी जोत होने से किसान मशीनीकरण मे सक्षम नहीं है इसलिए जिम्मेदारी उठाते हुए प्रति एकड़ सम्मानजनक सब्सिडी तथा कृषि क्षेत्र मे सरकारी निवेश को बढ़ाना चाहिए और लागत को देखते हुए गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य पांच सौ रूपये से कम नहीं होना चाहिए। इसके लिए रालोद ने समय समय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया है किन्तु वर्तमान केन्द्र व प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहीं हैं। इससे किसान बहुत ही दुखी है।