पश्चिमी बर्धमान (बंगाल) : अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस, वामपंथी दलों और तृणमूल कांग्रेस पर कथित तुष्टीकरण नीति के तहत अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का लगातार विरोध करने का आरोप लगाया और कहा कि इन पार्टी के नेताओं को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वोट बैंक खिसकने की आशंका के कारण वे रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए।
पूर्वी बर्धमान लोकसभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार एवं लोकगायक आशिम सरकार के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी आमंत्रित किये जाने के बावजूद राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हुए क्योंकि उन्हें पश्चिम बंगाल में “घुसपैठियों” का समर्थन खोने का डर था।
उन्होंने कहा, “70 साल से कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल के नेता राम मंदिर मुद्दे का विरोध कर रहे थे, लेकिन जब आपने अगले पांच वर्षों में बंगाल में 18 सीटों के साथ 2019 में मोदीजी को दूसरे कार्यकाल के लिए वोट दिया, तो मोदीजी ने न केवल अदालती मामला जीता, बल्कि राम मंदिर का भूमिपूजन किया और अंततः अयोध्या में राम लला की स्थापना की। उन्होंने लोगों से भाजपा उम्मीदवारों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं आपको आश्वासन देता हूं कि यदि आप बंगाल से 30 सीटें देते हैं, तो हम आपको ‘सोनार बंगला ‘ लौटाएंगे आएंगे और सभी अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाएंगे।” मेमारी मैदान में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने तृणमूल, वाम दलों और कांग्रेस पर कथित वोट बैंक के लिए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अब तक पश्चिम बंगाल के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये मंजूर कर चुकी है, लेकिन विकास का फल तृणमूल के गुंडे और उनके नेता हड़प रहे हैं।
श्री शाह ने सवाल किया, “बंगाल में एक मंत्री के पास से करीब 51 करोड़ रुपये जब्त होने के बाद मंत्री जेलों में क्यों नहीं होंगे।” उन्होंने सुश्री बनर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का लगातार विरोध करने का आरोप लगाया और पूछा कि राज्य में लगभग सभी केंद्रीय योजनाओं में भ्रष्टाचार में मंत्रियों का नाम क्यों लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को लूटा जा रहा है और लोगों को धोखा देने के लिए तृणमूल सरकार द्वारा सभी केंद्रीय योजनाओं को नया रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “विशेष रूप से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने पर ममता दीदी का विरोध स्पष्ट है क्योंकि वह सीमा पार के घुसपैठियों को नाराज नहीं करना चाहती हैं।” उन्होंने पूर्वी बर्धमान के लोगों को आश्वासन दिया कि उन आठ-दस लोगों के परिवारों को न्याय मिलेगा, जिनकी हत्या 2021 विधानसभा चुनाव के बाद कर दी गई थी। श्री शाह ने कहा कि संदेशखाली के अपराधियों को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने लोगों से 2024 के संसदीय चुनाव में श्री मोदी के 400 के आंकड़े को मजबूत करने के लिए बंगाल से कम से कम 30 भाजपा उम्मीदवारों को चुनने का आग्रह किया।
शाह ने कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल पर बोला हमला
