लखनऊ : अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की उपेक्षा शर्मनाक है। ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री से लेकर पूरा स्वास्थ्य विभाग संवदेनशून्य हो गया है। यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि डेंगू बुखार और अन्य बीमारियों से मरीज तड़प-तड़पकर मर रहे है। उनके इलाज की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। जब कोई वीआईपी चिकित्सकों की उपेक्षा का शिकार बनता है तब अफसर उसकी जांच बैठाने का बहाना कर मामले को रफादफा कर देते हैं।
हमीरपुर में फोन करने पर भी एम्बूलेंस नहीं मिली तो परिजन ठेले पर मरीज को ले जाने पर मजबूर हो गए। व्हीलचेयर न मिलने पर पिता अपनी पीठ पर पुत्र को लादकर ले जाता है। औरैया के विधूना में सीएचसी के बाहर भाई बहन के शव को पीठ में बांधकर बाइक से घर ले जाने का दृश्य विचलित करने वाला है। उन्होने कहा कि इन दिनों अस्पतालों में डेंगू बुखार के मरीजों की लाइनें लगी है।
इन्हें न तो समय से इलाज मिल रहा है और नहीं दवाइयां। डॉक्टर जांच पर जांच कराने को कह रहे है। मरीजों को इधर से उधर रेफर करने का खेल शुरू है। बेचारा मरीज स्ट्रेचर पर तड़प-तड़प कर मर रहा है। तीमारदार दौड़-दौड़ कर खुद ही रोगी बन रहे हैं। मरीजों के प्रति कहीं भी सहानुभूति नहीं देखी जा रही है। शासन-प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पीजीआई लखनऊ में सत्ताधारी भाजपा के एक पूर्व सांसद के पौत्र ने जब तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया तब बीआईपी मामला होने के कारण शासन-प्रशासन ने मामले को संज्ञान लिया। पिता मिन्नते करता रहा परन्तु बेटे को सही इलाज नहीं मिला। इस मामले में बस जांच का नाटक हो रहा है। दोषियों पर शायद ही कभी कार्यवाही होती हो।