एंटी हेलनेट और पॉलीहाउस आवेदन का पोर्टल बंद
शिमला : हिमाचल में किसान-बागवान एंटी हेलनेट और पॉलीहाउस के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। कृषि विभाग ने वेबसाइट से एंटी हेलनेट और पॉली हाउस के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाला पोर्टल ही हटा दिया है। राज्य के किसानों-बागवानों ने इससे पहले भी हजारों आवेदन कर रखे हैं। पोर्टल हटाने के बाद ये आवेदन भी फिलहाल रद्द हो गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि कृषि विभाग में इन स्कीमों के लिए बजट उपलब्ध नहीं है। इसके कारण विभाग ने आवेदन के पोर्टल को हटा दिया है। ऐसे में किसानों-बागवानों में सरकार के प्रति रोष है। एंटी हेलनेट, पॉलीहाउस के अलावा पॉलीहाउस रेनोवेशन का पोर्टल भी कृषि विभाग की साइट से गायब हो गया है। ऐसे में एक साल से आवेदन कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसानों और बागवानों की योजनाओं के लिए वरिष्ठता भी समाप्त हो गई है।
मंडी जिला के नाचन सब्जी उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने सरकार के फैसले पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि अगर इन स्कीमों को जल्द बहाली नहीं की गई तो किसान-बागवान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जाएंगे । उल्लेखनीय है कि नूतन पॉलीहाउस योजना के तहत 85 प्रतिशत अनुदान मिलता था। योजना के तहत किसान-बागवान पॉलीहाउस बनाकर अपनी आर्थिकी मजबूत कर चुके हैं।
प्रदेशभर में योजना के तहत बने पॉलीहाउस के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। वहीं, एंटी हेलनेट को किसान अपनी फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए उपयोग करते हैं। इसके लिए भी सरकार की ओर से 80 फीसदी अनुदान दिया जाता है। अब दोनों योजनाओं का पोर्टल वेबसाइट में नहीं हैं तो पहले आवेदन करने वाले और योजनाओं के तहत नए आवेदन करने वाले परेशान हैं।
श्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार काम करने के लिए बनाई जाती है, काम बंद करने के लिए नहीं। सरकार का एंटी हेलनेट और पॉलीहाउस स्कीमों को बंद करने का फैसला पूरी तरह गलत है। प्रतिपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष इस फैसले की निंदा करता है और वह किसान और बागवानों के साथ विपक्ष खड़ा है। मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण योजना के तहत तीन योजनाएं मर्ज हुई हैं। इसमें एंटी हेलनेट भी एक है।
इसमें टोकन मनी रखी थी। फिलहाल योजना को डिसेबल किया गया है। इसके अलावा नूतन पॉलीहाउस योजना के लिए नाबार्ड से बजट का प्रावधान न होने पर डिसेबल किया गया है। बजट का प्रावधान होने और अधिक आवेदन आने पर इन्हें इनेबल किया जा सकता है। एंटी हेलनेट योजना बागवानी विभाग में भी उपलब्ध है। यहीं से बागवान अधिक लाभ उठा रहे हैं।