बेंगलुरु : मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण को लेकर चल रहे विवाद के परिप्रेक्ष्य में निर्णायक कदम उठाते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सभी आवश्यक विवरण प्रदान किये हैं और उन्हे दिये गये नोटिस को वापस लेने के लिए कहा है।
श्री सिद्दारमैया ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, “राज्यपाल को मुझे दिये गये कारण बताओ नोटिस को वापस लेने और टीजे अब्राहम की ओर से दर्ज शिकायत को खारिज करने की सलाह देने के निर्णय के बाद मंत्रिपरिषद ने विस्तृत विवरण पहले ही दे दिया गया है।”
मुख्यमंत्री के इस रूख से स्पष्ट है कि राज्य के शीर्ष अधिकारियों को उनके अपने कार्यों और निर्णयों पर भरोसा है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब अधिकार कार्यकर्ता टीजे अब्राहम ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी। शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिससे उनकी भागीदारी और प्राधिकरण के लेन-देन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे।
उन्होंने जोर दिया कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार हैं और राज्य सरकार ने पूरी पारदर्शिता एवं वैधानिकता के साथ काम किया है। नोटिस वापस लेने और शिकायत को खारिज करने की मंत्रिपरिषद की सिफारिश तथ्यों और कानूनी आधारों की गहन जांच के आधार पर की गयी थी, जो उनके अडिग रुख को दर्शाता है।
इन घटनाक्रमों के बीच श्री सिद्दारमैया ने कोडागु जाने और अगले दिन होने वाली पार्टी बैठक में भाग लेने की अपनी योजना की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा, “मैं कोडागु जा रहा हूं और कल पार्टी की बैठक में भी भाग लूंगा।यह यात्रा केवल एक नियमित यात्रा नहीं है, बल्कि पार्टी के भीतर अपनी स्थिति को मजबूत करने तथा पार्टी सदस्यों और जनता की किसी भी मसले को करीब से समझने के लिए अच्छा कदम है।”
सिद्दारमैया ने राज्यपाल के नोटिस पर रखा अपना पक्ष
