भोपाल : केंद्रीय जांच ब्यूराे (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ने लगभग बीस वर्ष पुराने अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र प्रताप सिंह और पांच अन्य परिजनों रिश्तेदारों को दोषी पाए जाने पर सश्रम कारावास और 33 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना सुनाया है।
सीबीआई की ओर से आज मुहैया करायी गयी जानकारी के अनुसार विशेष न्यायाधीश ने भोपाल एसबीआई में पदस्थ रहे तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक जितेंद्र प्रताप सिंह को पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 33 लाख 22 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनायी। इसके अलावा उनकी पत्नी श्रीमती किरण सिंह, पुत्रियों नम्रता सिंह और अंवेषा सिंह, श्रीमती गरिमा सिंह और दादाद समीर सिंह को एक एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा कुल 25 हजार रुपए का जुर्माना सुनाया गया है।
सीबीआई ने जून 2005 में मुख्य आरोपी जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामला जांच में लिया था। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी ने अपने परिजनों के साथ मिलकर वर्ष 1999 से 2005 के दौरान लाखों रुपयों की अनुपातहीन संपत्ति बनायी। इस दौरान बैंक शाखाओं में अलग अलग खाते खोलकर उनमें धनराशि का लेनदेन किया गया और सावधि जमा रसीदें (एफडीआर) तैयार की गयीं। मामले की जांच के बाद सीबीआई ने यहां विशेष अदालत में सभी छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।