रुद्रप्रयाग : केदरानाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। दोपहर तक 600 यात्रियों को हेलिकॉप्टर और 1500 को पैदल रास्ते से सकुशल रेस्क्यू किया जा चुका है। अभी तक कुल 6000 यात्री व स्थानीय का रेस्क्यू किया जा चुका है।
उधर, केदारनाथ में 450 से अधिक तीर्थयात्रियों को भारतीय सेना के चिनूक व एमआई-17 हेलिकॉप्टर से गौचर लाया जाएगा। मौसम खराब होने के कारण भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर धाम के लिए उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।
जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक डा. विशाखा अशोक भदाणे सोनप्रयाग में पैदल रास्ते से लाए जा रहे यात्रियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
गौरतलब है कि गत बुधवार को देर शाम 7.30 बजे से शुरू हुई बारिश के बीच पैदल मार्ग पर बादल फटने व भारी बारिश से कई जगहों पर व्यापक नुकसान हो गया था।
इस दौरान मंदाकिनी नदी के तेज बहाव से गौरीकुंड में गर्म कुंड और सोनप्रयाग में निचला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था। गत गुरुवार सुबह से प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरफ, डीडीआरएफ और पुलिस के सहयोग से रेस्क्यू किया जा रहा है।
साथ ही भारतीय सेना के चिनूक व एमआई-17 हेलिकॉप्टर सहित कुल छह हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू में लगे हुए हैं। जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार ने बताया कि अभी तक 6000 से अधिक यात्री व स्थानीय का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि लापता के बारे में स्थिति स्प्ष्ट नहीं है, रेस्क्यू पूरा होने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी। भले ही कुछ परिजनों के द्वारा अपनों के केदारनाथ यात्रा में आने और बीते दो दिन से उनसे संपर्क नहीं होने की बात कही गई है।
दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा यात्रियों को भोजन, पानी और चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है। उधर, केदारनाथ-खाम बुग्याल-चौमासी पैदल मार्ग से 300 से अधिक यात्री व स्थानीय चौमासी गांव पहुंच चुके हैं।