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यूपी में एटीएस द्वारा संदिग्ध बांग्लादेशी छात्र गिरफ्तार

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने अवैध रूप से यहां निवास कर रहे बांग्लादेशी मूल के एक छात्र को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
एटीएस के उपाधीक्षक अतुल यादव ने शुक्रवार को बताया कि तलाह तालुकदार बिन फारूख नामक बांग्लादेशी युवक 2015 से इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद में शिक्षा ग्रहण कर रहा था। संदेह के आधार पर तलाह तालुकदार को एटीएस के कार्यालय बुलाया गया था और उससे उसके बांग्लादेशी होने के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह भारतीय नागरिक है। उसने भारतीय आधार कार्ड, पेन कार्ड और दारूल उलूम देवबंद का आजीवन सदस्यता कार्ड प्रस्तुत किया।
उन्होने बताया कि एटीएस की टीम ने उसके पर्स से बांग्लादेशी पासपोर्ट की छायाप्रति और दो बांग्लादेशी नोट बरामद किए। पूछताछ में तालुकदार ने बताया कि वह बांग्लादेश के ग्राम बारगूआली थाना दाउदकंदी जिला कुमिल्ला डिवीजन चटोग्राम का रहने वाला है और उसके पिता का नाम फारूख जमा है। उसने फर्जी दस्तावेज तैयार करके खुद को भारतीय नागरिक दिखाते हुए वर्ष 2015 में दारूल उलूम देवबंद में प्रवेश लिया था और वह दारूल उलूम में अरबी आलिम की आठवीं कक्षा में पढ़ रहा था और दारूल उलूम के दार ए जदीद छात्रावास के कमरा नंबर 61 में रह रहा था। एटीएस अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं।
पुलिस को आशंका है कि यह युवक देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकता है। एटीएस की ओर से आज देवबंद कोतवाली में तलाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमें में धारा 420, 467, 468, 471आईपीसी और 14/14बी विदेशी अधिनियम की धाराएं लगी हैं। इससे पूर्व भी 12 मार्च को दारूल उलूम चौक स्थित एक प्राइवेट छात्रावास से एक और बांग्लादेशी छात्र की गिरफ्तारी हुई थी।
दारूल उलूम देवबंद की ओर से अशरफ उस्मानी ने बताया कि उनकी संस्था हर छात्र की सूची और पते हर साल एलआईयू को देती है। देश के सीमावर्ती छात्रों को जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए डोमीसाइल सार्टिफिकेट के आधार पर संस्था में प्रवेश पत्र दिए जाते हैं। पुलिस और अभिसूचना इकाई छात्रों के द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्रों का वेरीफिकेशन करती है। दारूल उलूम ने अपने पूरे भवन में सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं और संस्था के जिम्मेदारान उन पर पूरी तरह से नजर रखते हैं।

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