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हथकरघा उद्योग को फैशन डिजाइनिंग से जोडने की जरुरत

नई दिल्ली : जगदीप धनखड़ ने हथकरघा उद्योग को फैशन डिजाइनिंग से जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि आर्थिक राष्ट्रवाद देश के आर्थिक विकास का मूल आधार है।
श्री धनखड़ ने बुधवार को यहां 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हथकरघा उत्पाद प्रधानमंत्री की ‘‘बी वोकल फॉर लोकल ” पहल का एक मुख्य घटक हैं और उन्होंने ‘स्वदेशी आंदोलन’ की सच्ची भावना में हथकरघा को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। हथकरघा दिवस सात अगस्त 1905 को शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन के ऐतिहासिक महत्व पर आयोजित किया जाता है।
समारोह में केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा, कपड़ा मंत्रालय की सचिव रचना शाह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उप राष्ट्रपति ने आर्थिक राष्ट्रवाद को आर्थिक विकास और आर्थिक स्वतंत्रता काे मूल आधार करार देते हुए कहा कि हथकरघा के पर्यावरणीय और सांस्कृतिक महत्व है। उन्होंने कहा कि हथकरघा को बढ़ावा देना समय की मांग है। यह देश की जरूरत है और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण है। रोजगार सृजन में हथकरघा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों के लिए पर्याप्त विपणन अवसर सुनिश्चित किये जाने चाहिए। इनसे ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण होता है।
उप राष्ट्रपति ने देश के उद्योग घरानों से भी हथकरघा उत्पादों का बड़े पैमाने पर उपयोग करने की अपील की और कहा गया कि इस तरह की प्रतिबद्धता न केवल भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी महत्वपूर्ण है।
श्री धनखड़ ने कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद से बहुमूल्य विदेशी मुद्रा बचाने, आयात को कम करने और रोजगार के अवसर पैदा करने तथा स्थानीय आजीविका की रक्षा करने में मदद ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करके उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि कोई भी राजकोषीय लाभ, चाहे उसका आकार कितना भी हो, घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और स्थानीय रोजगार की रक्षा करने के मूल्य से अधिक नहीं हो सकता।

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