नयी दिल्ली : देश का वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में टोल संग्रह 25,000 करोड़ रुपये से अधिक रह सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि देश में परिवहन के गति पकड़ने के साथ राजमार्गों पर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में निम्न आधार के कारण मजबूत सुधार दिखा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में महामारी की दूसरी लहर के कारण परिवहन पर प्रतिबंध थे।
रिपोर्ट के अनुसार,’ ऊंचे थोक मूल्य सूचकांक के कारण टोल में अच्छा उछाल दिखा है जिससे इस अवधि में टोल संग्रह में वार्षिक आधार पर 50-55 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा सकती है। पहली छमाही के अंत तक देश भर में टोल संग्रह का 25,500 करोड़ के आंकड़ें को छूने का अनुमान है।’ एजेंसी ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और मानसून की शुरूआत के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के मद्देनजर क्रमिक आधार पर टोल संग्रह अधिक स्थिर गति से बढ़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार,’ टोल संग्रह में वाणिज्यिक वाहनों का आम तौर पर लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा होता है लेकिन अप्रैल-मई में यात्री यातायात ने वृद्धि को बढ़ावा दिया क्योंकि उपभोक्ताओं ने पिछले दो वर्षों में कई प्रतिबंधों के बाद छुट्टियों के महीनों के दौरान अधिक यात्राएं की। इसके विपरीत अपेक्षाकृत कमजोर मांग के कारण चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान वाणिज्यिक यातायात कम रहा।’
इस दौरान प्रमुख वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतें, ईंधन की ऊंची कीमतें और गेहूं जैसे प्रमुख खाद्यान्नों के कम उत्पादन ने विपरित परिस्थित के रूप में कार्य किया जिमें ट्रक यातायात सबसे अधिक प्रभावित रहा।
एजेंसी ने कहा,’ मई में उच्चतम पर पहुंचने के बाद मासिक टोल संग्रह जून और जुलाई में मॉनसून के आगमन के साथ कम हो गया क्योंकि इससे निर्माण गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई और यातायात की आसानी को सीमित कर दिया। अगस्त में हलांकि, वस्तुओं की मुद्रास्फीति के नरम हो जाने से मांग में सुधार के साथ टोल संग्रह में वृद्धि देखी गयी क्योंकि इससे वस्तुओं की ढुलाई अधिक हुयी।’
एजेंसी के अनुसार सितंबर में अगस्त की तरह ही टोल संग्रह होने का अनुमान है ।इस माह के दौरान मानसून की संभावित वापसी और आगामी त्योहारी मौसम होने से टोल संग्रह में वृद्धि के लिए संकेत हैं।