जयपुर : राजस्थान राजभवन में गुरुवार को उत्तराखंड वंदन के साथ हिमालय की संस्कृति को जीवंत करते लोक नृत्य के साथ उत्तराखंड दिवस मनाया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस दौरान उत्तराखंड के लोगों से संवाद कर उन्हे उत्तराखंड स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मिश्र ने कहा कि उत्तराखंड अध्यात्म की संस्कृति का गढ़ प्रदेश ही नहीं है बल्कि यह सांस्कृतिक दृष्टि से भी सर्वाधिक संपन्न राज्य है। उन्होंने कहा कि आरंभ से ही इस प्रदेश से उनका निकट का नाता रहा है, यह तीर्थाटन की पावन धरा है।
उन्होंने इस प्रदेश में स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि पावन स्थलों की चर्चा करते हुए उत्तराखंड के लोगों की खुशहाली, संपन्नता और सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने उत्तराखंड के गांवों, विभिन्न खंडों से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी ब्लॉक्स में, जिलों में और एक एक गांव में वह गए हैं। यहां के जन जीवन से वह निकट से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पहाड़ों पर कठिन परिश्रम से जीने वाले पर हर हाल में खुश रहने वालों की भूमि है।
उन्होंने कहा कि योग की भारतीय संस्कृति का नाद करने वाला भी आज यह बड़ा प्रदेश है। उन्होंने राजस्थान में रहने वाले उत्तराखंड के राजस्थान निवासियों को प्रदेश के विकास में भी भूमिका निभाने का आह्वान किया। इस अवसर पर उत्तराखंड की गोदावरी कांडपाल और दल द्वारा उत्तराखंड वंदना से जुड़ा मधुर गीत, लोक नृत्य आदि भी प्रस्तुत किया। इस मौके राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल भी मौजूद थे।