केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी नोएडा के सेक्टर 80 में मारुती सुजुकी त्योत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बने वाहन निष्पादन संयंत्र का उदघाटन करने के लिए पहुंचे। यह संयंत्र 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों के निष्पादन के लिए लगाया गया है। प्रदुषण से निपटने के लिए केंद्र की नई स्क्रेपिंग पॉलिसी के तहत 15 साल से ज्यादा उम्र के वाहनों के पुनर्चक्रण के लिए इस तरह के और भी प्लांट दिल्ली-एनसीआर में लगाने की योजना है। नोएडा के सेक्टर 80 में यह पहला निष्पादन संयंत्र लगा है जो यहाँ के ऑटोमोबाइल उत्पादन इकाइयों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
गड़करी ने गिनाये वाहन स्क्रेपिंग संयंत्र के फायदे
केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने उदघाटन समारोह में इस संयत्र के उपयोग से जुड़ी बारीकियों को जाना और 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों से होने वाले नुक्सान और उससे निपटने का उपाय लोगों के सामने रखे। केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि अगर इन संयंत्रों को ज्यादा संख्या में लागाया जाए तो ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री के लिए ऑटो कॉम्पोनेन्ट से जुड़े कच्चे माल मिलने में आसानी हो जाएगी और पहले से कम कीमतों में वाहनों को मार्किट में उतारा जा सकता है।उत्पादन इकाइयों में नए उत्पाद के निर्माण में कॉपर,एल्युमुनियम, स्टील, प्लास्टिक, रबर, जैसे रॉ मेटेरिअल का आयात भारत को विदेशों से करना पड़ता है जिसके कारण उत्पादन लागत ज्यादा हो जाती है। निष्पादन संयंत्र इस समस्यां का हल निकालने के लिए बहुत उपयोगी होगा।
स्क्रेपिंग तकनीक से होगा ऑटोसेक्टर को आर्थिक लाभ
केद्र सरकार ऑटो सेक्टर को रफ़्तार देने के लगातार कार्यरत है जिसके तहत केंद्र द्वारा ऑटो कॉम्पोनेन्ट इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्क्रेपिंग और रीसायकल यूनिट के उपयोग से कच्चे माल के लिए बाहरी देशों से निर्भरता कम होने पर इसका खर्च बचाया जा सकता है साथ ही इस तकनीक का उपयोग करके नए व्यापारी इस बिजनेस में अपना कदम रखेंगे जिससे नए रोजगार का भी निर्माण होगा।
नोएडा में लॉन्च हुए स्क्रेपिंग और रीसायकल यूनिट प्लांट का निर्माण भारत में ही किया गया है। केद्र सरकार के द्वारा यह प्रयास था कि इसे जर्मनी या जापान से मंगाया जाए लेकिन ऐसा संभव नही हुआ जिस कारण स्वदेशी तकनीक से इसे भारत में ही निर्मित किया गया। इस निष्पादन संयंत्र की खासियत यह है कि इससे स्क्रैप किये गए 95 प्रतिशत मेटेरियल को फिर से रीसायकल किया जा सकता है।
किसी भी क्षेत्र मे जब नए उत्पाद को बानाया जाता है तो नए सिरे से कच्चे माल की कीमत उस उत्पाद को महंगा बना देती है लेकिन स्क्रेपिंग तकनीक का उपयोग करके नए उत्पाद की निर्माण लागत में कमी आ सकती है जिससे निर्माण लागत 40 से 50 फीसदी कम हो जाएगी। अगर ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो इस तकनीक के माध्यम से आया बदलाव आने वाले समय में वाहनों के मूल्य में और कमी कर सकता है। भारत वैसे भी इस सेक्टर में लगातार विदेशी प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला कर रहा है ऐसे में यह तकनीक ऑटोमोबाइल सेक्टर में अन्य देशों को कड़ी टक्कर देने के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है। वाहन सस्ते होने पर ऑटो मोबाइल सेक्टर की बिक्री में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी।