भदोही : काशी-प्रयाग के बीच गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर से कालीन नगरी भदोही में ग्रामीणों की चिंता बढ़ रही है। जलस्तर के तेजी से बढ़ने से सैकड़ो गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
अपर जिला अधिकारी प्रशासन कुंवर वीरेंद्र सिंह मौर्य ने शुक्रवार को बताया कि गंगा नदी के अनवरत बढ़ रहे जल स्तर को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। बढ़ते जल स्तर को लेकर बाढ़ क्षेत्र में स्थापित 22 बाढ़ चौकियों को सावधान कर दिया गया है। जिलाधिकारी स्तर से संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों को कतई लापरवाही न बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ क्षेत्र में आने वाले गांवों पर प्रशासन की पैनी नजर है। हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से लगभग 4.20 मीटर नीचे बह रही है। गुरुवार को दिन में गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा था लेकिन शाम होते-होते बढ़ाव की गति एक सेंटीमीटर प्रति घंटे पर आकर ठहर गई। जिससे थोड़ी सी राहत मिल गई। बताया कि वर्ष 2013 में गंगा का जलस्तर 81.200 मीटर तक पहुंचा था। खतरे का निशान 81. 20 मीटर पर निर्धारित किया गया है।
गुरुवार की शाम तक गंगा का जलस्तर 77. 20 200 मीटर पर पहुंच गया जो खतरे के निशान से मात्र 4 मीटर नीचे बह रहा है। संभावित खतरे को देखते हुए गोताखोरों को अलर्ट कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि गंगा के तटीय इलाकों में 193 गांव बाढ़ के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। जहां बाढ़ की स्थिति में 2 लाख से अधिक आबादी व करीब पौने पांच लाख पशुओं के प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है। बताया गया कि काशी-प्रयाग के मध्य गंगा के तटीय इलाकों में हजारों हेक्टेयर खेत में किसान ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, तिल व हरी सब्जियों सहित अन्य फसलों की खेती करते हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर किसानों को फसलों की भारी तबाही का सामना करना पड़ता है।