एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख के रूप में 30 सितम्बर को पदभार ग्रहण किया। एयर चीफ मार्शल तौर पर वह आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने के लिए गए और बाद में मीडिया के समक्ष उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की जिसमे उन्होंने भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र से जुडी चुनौतियों और वायुसेना की तैयारियों की बारे में जानकारी साझा की ।
वायुसेना की चुनौतियां पर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की रणनीति
पदं पर तैनात होने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगा कि वायुसेना के उचित और सही उपयोग के माध्यम से राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित हो। दूसरे, भविष्य के युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सभी कर्मि उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त करें और आधुनिक क्षमताओं से लैस हो, जिससे वह हर स्तिथि से निपटने के लिए मोटिवेट रहे । हमारे सभी वायु सैनिकों में बहुत संभावनाएं हैं, हमारे पास भविष्य के युद्धों की तैयारी करने में सक्षम होने के लिए और अधिक सीखने की क्षमता है ।
चुनौतियां कभी बता कर नही आती इसलिए भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सही प्रसिक्षण, वर्तमान मौजूदा उपकरण और भविष्य में प्राप्त होने वाले उपकरणों के साथ सही तालमेल बैठा कर भारतीय वायुसेना सीमाओं पर संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्य भूमिका निभा सकती है । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वायुसेना सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण का इच्छुक है। तीनों सेनाओं द्वारा संयुक्त योजना और संचालन के परिणामस्वरूप हमारी शुद्ध युद्ध क्षमता में अधिकतम वृद्धि होगी ।
जम्मू में हुए ड्रोन अटैक के बाद हम इस एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार करने की रणनीति पर लम्बे समय से काम कर रहे है । इसके तहत हमने नए स्टार्टअप्स को निमंत्रण दिया है ताकि वह संदिग्ध ड्रोन से निपटने के लिए काउंटर यूएएस सिस्टम तैयार करें ।
आधुनिक हथियार और फाइटर जेट स्क्वाड्रन बढाने की है तैयारी
हम एक दशक के दौरान चरणबद्ध तरीकें से पुराने एयरक्राफ्ट्स को नए एयरक्राफ्ट्स से बदल कर 35 स्क्वाड्रन की खेंप तैयार करेंगे । राफेल, अपाचे के शामिल होने से हमारी युद्ध क्षमता में काफी इजाफा हुआ है। हमारे बेड़े में नए हथियारों के शामिल होने से हमारी आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है । लेकिन सीमाओं पर चौकसी को और मजबूत बनाने के लिए हमे 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की आवश्यकता होगी जिसके लिए DRDO द्वारा वायुसेना के लिए विमान विकसित किये जा रहे है । इसके साथ ही हम जल्द ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 6 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर प्राप्त करने के कगार पर हैं।
चीन-पाकिस्तान की वायुसेना पर पैनी नज़र
लद्दाख क्षेत्र में चीनी वायुसेनाओं की क्षमता के बारे में पुछे जाने पर भारतीय वायुसेना के चीफ मार्शल ने बाताया कि चीन की एयरफोर्स LAC की अन्दर अपनी सीमा पर तीन एयर बेस में तैनात है । हम ये सुनिश्चित करना चाहते है कि भारतीय वायुसेना भी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है ।
इसके साथ ही उन्होंने चीन द्वारा ताइवान के हवाई क्षेत्र को तोड़ने पर कहा कि यह दो देशों का मामला है और कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करेगा। तालिबान में स्तिथ पूर्व अमेरिकी बेसों पर चीनी सैनिकों के मौजूदगी की ख़बरों पर एयर मार्शल ने कोई प्रतिक्रिया नही दी गौरतलब है कि तालिबान ने भी चीनी सैनिकों की इस खबर का खंडन किया था ।
पाकिस्तान की वायुसेनिक क्षमताओं के बारे में जानकारी देते हुए एयर मार्शल ने बताया कि पीओके के अन्दर कुछ छोटी हवाई पट्टियाँ है जो कुछ छोटे हैलीकॉप्टर ले जाने में सक्षम है इसलिए ज्यादा चिंता करने की बात नही है परन्तु फिर भी हमे चीन और पाकिस्तान के दो मोर्चों पर हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए रणनीति पर काम करना होगा ।
वायुसेना में “टू-फिंगर टेस्ट” गैरकानूनी
हाल ही में 28 वर्षीय महिला के द्वारा तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित वायु सेना प्रशासनिक कॉलेज (AFAC) में अपने सहकर्मी IAF अधिकारी पर टू फिंगर टेस्ट (बलात्कार) का आरोप लगाया था। इस मामले पर एयर मार्शल से सवाल पुछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया कि भारतीय वायु सेना के क़ानून ऐसी किसी भी घटना के लिए बहुत कड़े है उन्होंने इस तरह के टू-फिंगर टेस्ट को गैरकानूनी बताया और कहा कि ऐसा कोई टेस्ट नही किया गया था । साथ ही इस मामले की जांच एयरफोर्स डिपार्टमेंट अपने स्तर पर कर रहा है ।