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हम देश से गरीबी को खत्म कर सकते हैं

एकतानगर : नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां कहा कि भारत में गरीबी कम हो रही है। उन्होंने कहा, “ पांच वर्षों में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। इससे हमें यह विश्वास मिला है कि हम देश से गरीबी को खत्म कर सकते हैं। हमें इसी दिशा में निरंतर आगे बढ़ते ही रहना है। ” मोदी ने गुजरात के दो दिन के दौरे के दूसरे दिन यहां राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में शामिल होते हुये कहा,“ हमें कुछ बातों को कभी भूलना नहीं है, उसे सदा-सर्वदा याद भी रखना है। मैं आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रत्येक देशवासी से, इस बारे में मेरे मन के भाव, आज उनके सामने मैं प्रकट करना चाहता हूं।

आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। कोरोना संकट के बाद से कई देशों की अर्थव्यवस्था की हालत चरमरा गई है। बहुत सारे देश 30-40 सालों की सबसे ज्यादा महंगाई से आज जूझ रहे हैं। उन देशों में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में भी भारत दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। हम एक के बाद एक चुनौतियों को पार करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हमने नये रिकॉर्ड बनाए हैं, हमने नये पैमाने भी बनाए हैं। पिछले नौ साल में देश जिन नीतियों और निर्णयों के साथ आगे बढ़ा है, उसका प्रभाव भी आज जीवन के हर क्षेत्र में देख रहे हैं। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में गरीबी कम हो रही है। पांच वर्षों में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। प्रत्येक भारतवासी के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण है। किसी को भी ऐसा कोई काम नहीं करना है, जिससे देश की स्थिरता पर आंच आए। उन्होंने कहा, “ हमारे कदम भटकने से हम लक्ष्य से भी भटक जाएंगे। जिस परिश्रम से 140 करोड़ भारतीय देश को विकास के पथ पर लेकर आये हैं, वह कभी भी व्यर्थ नहीं होना चाहिये। हमें भविष्य को ध्यान में रखना है और अपने संकल्पों पर डटे रहना है। ”
उन्होंने इससे पहले कहा, “ आप सभी युवाओं का, जांबांजों का यह उत्साह, राष्ट्रीय एकता दिवस की बहुत बड़ी ताकत है। एक तरह से मेरे सामने लघु भारत, मिनी इंडिया का स्वरूप दिख रहा है। राज्य अलग हैं, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है। मनके अनेक हैं, लेकिन माला एक है। तन अनेक हैं, लेकिन मन एक है। जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का और 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का यह दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है। पन्द्रह अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड और 31 अक्टूबर को स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के सानिध्य में, मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का यह मुख्य कार्यक्रम राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गये हैं। ”
मोदी ने कहा कि आज यहां पर जो परेड हुई, जो कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये, उन्होंने हर किसी को अभिभूत किया है। एकता नगर में आने वालों को सिर्फ इस भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते, उसे सरदार साहब के जीवन, उनके त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है। इस प्रतिमा की निर्माण गाथा में ही एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिबिंब है। इसके निर्माण के लिये देश के कोने-कोने से किसानों ने खेती के औजार दिये, लौह पुरुष की प्रतिमा के लिये लोहा दिया। देश के कोने-कोने से मिट्टी लाकर यहां वॉल ऑफ यूनिटी का निर्माण हुआ। ये कितनी बड़ी प्रेरणा है। इसी प्रेरणा से ओत-प्रोत, करोड़ों की संख्या में देशवासी इस आयोजन से जुड़े हुये हैं।
उन्होंने कहा कि लाखों लोग देश भर में ‘रन फॉर यूनिटी’ में हिस्सा ले रहे हैं। एकता के लिए दौड़, लाखों लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये इसका हिस्सा बन रहे हैं। जब हम देश में एकता का यह प्रवाह देखते हैं, जब 140 करोड़ भारतीयों में एकजुटता का ये भाव देखते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे सरदार साहब के आदर्श ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प बनकर हमारे भीतर दौड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “ मैं इस पावन अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल के चरणों में नमन करता हूँ। मैं सभी देशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँ। ”
मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल, भारत के लिये इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं। उन्होंने कहा, “ इन 25 वर्षों में हमें अपने इस भारत को समृद्ध बनाना है, हमारे भारत को विकसित बनाना है। आजादी के पहले 25 साल का एक ऐसा कालखंड आया था पिछली शताब्दी में, जिसमें हर देशवासी ने स्वतंत्र भारत के लिए खुद को खपा दिया था। अब समृद्ध भारत के लिए, वैसे ही अगले 25 वर्ष का अमृतकाल हमारे सामने आया है, अवसर बनके आया है। हमें सरदार पटेल की प्रेरणा से हर लक्ष्य को हासिल करना है। आज पूरी दुनिया भारत को देख रही है। आज भारत उपलब्धियों के नए शिखर पर है। ”
उन्होंने कहा, “ जी 20 में भारत के सामर्थ्य को देखकर दुनिया हैरान हो गई है। हमें गर्व है कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की साख को नयी ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। हमें गर्व है कि अनेक वैश्विक संकटों के बीच हमारी सीमायें सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि अगले कुछ वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहे हैं। हमें गर्व है कि आज भारत चांद पर वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। ”
उन्होंने कहा, “ हमें गर्व है कि आज भारत तेजस फाइटर प्लेन्स से लेकर आईएनएस विक्रांत तक खुद बना रहा है। हमें गर्व है कि आज भारत, हमारे प्रोफेशनल्स, दुनिया की अरबों-खरबों डॉलर की कंपनियों को चला रहे हैं, नेतृत्व कर रहे हैं। हमें गर्व है कि आज दुनिया के बड़े-बड़े स्पोर्ट्स इवेंट्स में तिरंगे की शान लगातार बढ़ रही है। हमें गर्व है कि देश के युवा, बेटे-बेटियाँ रिकॉर्ड संख्या में मेडल्स जीत रहे हैं। इस अमृत काल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं। ”

मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाये गए गैर-जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। आईपीसी की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लायी जा रही है। इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है। आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो भारत पा न सके। ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो हम भारतवासी मिलकर सिद्ध न कर सकें। बीते नौ वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है तो असंभव कुछ भी नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि किसने सोचा था कि कभी कश्मीर, आर्टिकल-370 से मुक्त भी हो सकता है, लेकिन आज कश्मीर और देश के बीच आर्टिकल-370 की वो दीवार गिर चुकी है। सरदार साहब जहां भी होंगे सबसे ज्यादा प्रसन्नता अनुभव करते होंगे और हम सबको आशीर्वाद देते होंगे। आज कश्मीर के मेरे भाई-बहन, आतंकवाद के साये से बाहर आकर खुली हवा में सांस ले रहे हैं, देश के विकास में कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। यहां जो मेरे एक तरफ सरदार सरोवर बांध है, वो भी 5-6 दशक से लटका हुआ था। सबके प्रयास से, इस बांध का काम भी बीते कुछ ही वर्षों में पूरा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ संकल्प से सिद्धि का एक बहुत बड़ा उदाहरण हमारा ये एकता नगर भी है। 10-15 वर्ष पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि केवड़िया इतना बदल जायेगा। आज एकता नगर की पहचान ग्लोबल ग्रीन सिटी के तौर पर हो रही है। यही वो शहर है जहां से दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचने वाले मिशन लाइफ की शुरुआत हुई थी। जब भी मैं य़हां आता हूं, इसका आकर्षण और बढ़ा हुआ दिखता है। रिवर राफ्टिंग, एकता क्रूज, एकता नर्सरी, एकता मॉल, आरोग्य वन, कैक्टस और बटरफ्लाय गार्डन, जंगल सफारी, मियावाकी फॉरेस्ट, मेज गार्डन यहां पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं। पिछले छह महीने में ही यहां डेढ़ लाख से ज्यादा पेड़ लगाये गये हैं। सोलर पावर जेनेरेशन में, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन में भी एकता नगर बहुत आगे चल रहा है। ”
उन्होंने कहा कि आज यहां एक स्पेशल हेरिटेज ट्रेन का एक नया आकर्षण भी जुड़ने जा रहा है। एकता नगर स्टेशन और अहमदाबाद के बीच चलने वाली इस ट्रेन में हमारी विरासत की झलक भी है और आधुनिक सुविधाएं भी हैं। इसके इंजन को स्टीम इंजन का लुक दिया गया है, लेकिन ये चलेगी बिजली से। एकता नगर में इको फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था भी की गई है। अब यहां पर्यटकों को ई-बस, ई-गोल्फ कार्ट और ई-साइकिल के साथ पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम की सुविधा भी मिलेगी। पिछले पांच वर्षों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके हैं और ये संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के हमारे आदिवासी भाई-बहनों को हो रहा है, उन्हें रोजगार के नये साधन मिल रहे हैं।
मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत के संकल्प की दृढ़ता को, भारतवासियों के पौरुष और प्रखरता को, भारतीय जनशक्ति की जिजीविषा को आदर और विश्वास से देख रहा है, भारत की अविश्वसनीय, अतुलनीय यात्रा आज हर किसी के लिए प्रेरणा का केंद्र बन चुकी है।
उन्होंने कहा, “ हमें कुछ बातों को कभी भी भूलना नहीं है, उसे सदा-सर्वदा याद भी रखना है। मैं आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रत्येक देशवासी से, इस बारे में मेरे मन के भाव, आज उनके सामने मैं व्यक्त करना चाहता हूं। आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। कोरोना के बाद से कई देशों की अर्थव्यवस्था की हालत चरमरा गई है, बहुत खराब है। बहुत सारे देश 30-40 सालों की सबसे ज्यादा महंगाई से आज जूझ रहे हैं। उन देशों में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। ऐसी परिस्थिति में भी भारत दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। ”
उन्होंने कहा, “ हम एक के बाद एक चुनौतियों को पार करते हुये लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हमने नये रिकॉर्ड बनाये हैं, हमने नये पैमाने भी बनाये हैं। पिछले नौ साल में देश जिन नीतियों और निर्णयों के साथ आगे बढ़ा है, उसका प्रभाव भी आज जीवन के हर क्षेत्र में देख रहे हैं। भारत में गरीबी कम हो रही है। पांच वर्षों में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आये हैं। हमें ये विश्वास मिला है कि हम देश से गरीबी को खत्म कर सकते हैं। और हमें इसी दिशा में निरंतर आगे बढ़ते ही रहना है। और इसलिये प्रत्येक भारतवासी के लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण है। किसी को भी ऐसा कोई काम नहीं करना है जिससे देश की स्थिरता पर आंच आए। हमारे कदम भटकने से हम लक्ष्य से भी भटक जायेंगे। जिस परिश्रम से 140 करोड़ भारतीय देश को विकास के पथ पर लेकर आए हैं, वह कभी भी व्यर्थ नहीं होना चाहिए। हमें भविष्य को ध्यान में रखना है, और अपने संकल्पों पर डटे रहना है।
मोदी ने कहा देश के पहले गृह मंत्री होने के नाते, सरदार पटेल, देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर बहुत सख्त रहते थे, लौह पुरुष थे न। पिछले नौ वर्षों से देश की आंतरिक सुरक्षा को कई मोर्चों से चुनौती मिलती रही है, लेकिन हमारे सुरक्षाबलों की दिन-रात की मेहनत भी और उसकी वजह से देश के दुश्मन अपने मंसूबों में पहले की तरह कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। लोग अब भी उस दौर को नहीं भूले हैं, जब भीड़ भरी जगहों पर जाने से पहले मन शंका से भर जाता था। त्योहारों की भीड़, बाजार, पब्लिक प्लेस और जो भी आर्थिक गतिविधियों के केंद्र होते थे, उन्हें निशाना बनाकर देश के विकास को रोकने की साजिश होती थी।
उन्होंने कहा कि लोगों ने ब्लास्ट के बाद की तबाही देखी है, बम के धमाकों से हुई बर्बादी देखी है। उसके बाद जांच के नाम पर उस समय की सरकारों की सुस्ती भी देखी है। आपको, देश को उस दौर में वापस लौटने नहीं देना है, हमारे सामर्थ्य से उसे रोकते ही रहना है। जो लोग देश की एकता पर हमले कर रहे हैं, हम सभी देशवासियों को उन्हें जानना है, पहचानना है, समझना है और उनसे सतर्क भी रहना है। देश की एकता के रास्ते में, हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है तुष्टीकरण की राजनीति। भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता, उसकी विकरालता कभी दिखाई नहीं देता।
मोदी ने कहा तुष्टीकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है। वह आतंकवादी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वह देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं। तुष्टीकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वह आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है। ऐसी सोच से किसी समाज का भला नहीं हो सकता। इससे कभी देश का भी भला नहीं हो सकता। एकता को खतरे में डालने वाली ऐसी सोच से हर-पल, हर समय, देश के हर कोने में, हर देशवासी को सावधान रहना ही है।
उन्होंने कहा कि अभी देश में चुनाव का भी माहौल बना हुआ है। राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया चल ही रही है और अगले साल लोकसभा के भी चुनाव होने वाले हैं। आपने देखा होगा कि देश में एक बहुत बड़ा पॉलिटिकल धड़ा ऐसा है जिसे सकारात्मक राजनीति का कोई तरीका नहीं दिख रहा। दुर्भाग्य से ये पॉलिटिकल धड़ा ऐसे-ऐसे हथकंडों को अपना रहा है, जो समाज और देश के खिलाफ है। ये धड़ा अपने स्वार्थ के लिए देश की एकता अगर टूटती भी है, तो उनके लिए, उनका स्वार्थ सर्वोपरि है। इसलिए इन चुनौतियों के बीच आप मेरे देशवासी, जनता-जनार्दन, आपकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। ये लोग देश की एकजुटता पर चोट करके अपना राजनीतिक हित साधना चाहते हैं।
मोदी ने कहा देश इनसे सतर्क रहेगा, तभी विकास के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएगा। हमें विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश की एकता बनाए रखने का प्रयास एक पल भी छोड़ना नहीं है। एक कदम भी पीछे रहना नहीं है। हमें निरंतर एकता के मंत्रों को जीना है। एकता को साकार करने के लिए हमें अपना निरंतर योगदान देना है। हम जिस भी क्षेत्र में हो, हमें उसमें अपना शत-प्रतिशत देना है। आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने का केवल ये उत्तम से उत्तम मार्ग है। और यही सरदार साहब की हम सभी से अपेक्षा है। आज से एमवाय जीओवी पर सरदार साहब से जुड़ी एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता भी शुरू हो रही है। सरदार साहब क्विज के माध्यम से, देश के युवाओं को उन्हें जानने का और मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ आज का भारत, नया भारत है। हर भारतवासी आज असीम आत्मविश्वास से भरा हुआ है। हमें सुनिश्चित करना है कि ये आत्मविश्वास बना भी रहे और देश बढ़ता भी रहे। ये भाव बना रहे। ये भव्यता बनी रहे। इसी के साथ मैं एक बार फिर, आदरणीय सरदार पटेल को 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। हम सब राष्ट्रीय एकता के इस राष्ट्र उत्सव को पूरे उत्साह से मनाएं। जीवन में एकता के मंत्र को जीने की आदत बनाये, जीवन को हर-पल एकता के लिए समर्पित करते रहे। इसी कामना के साथ एक बार फिर आप सभी को ढेर सारी बधाई। ”

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