जूनागढ़ : भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में शनिवार को जूनागढ़ के सासण-गिर स्थित कम्युनिकेशन सेंटर में भव्य तरीके से ‘विश्व शेर दिवस’ मनाया गया।
श्री पटेल ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री की 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की संकल्पना को साकार करने के लिए विरासत के संरक्षण के साथ- साथ विकास की कटिबद्धता भी व्यक्त की। संतों, वीरों और शावकों की भूमि सौराष्ट्र में आयोजित इस कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणी और प्रकृति को बचाने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। गुजरात के गौरव वनकेसरी यानी एशियाई शेरों के प्राकृतिक रूप से विहार और विकास को सुनिश्चित करने वाले प्रयास ही विश्व शेर दिवस का वास्तविक उत्सव है। उन्होंने कहा कि हर साल मनाया जाने वाला ‘विश्व शेर दिवस’ केवल एक उत्सव बनकर न रह जाए, बल्कि यह जीव मात्र के प्रति अनुकंपा और जन-जन में जीव मात्र की रक्षा का भाव भी जगाए।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे जीवन व्यवहार में भी प्रत्येक जीव के लिए परोपकार और ‘जिओ और जीने दो’ की भावना शामिल है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राणी मात्र के प्रति दया और अनुकंपा की प्रतीति कराने वाली घटना को याद करते हुए कहा कि, चक्रवात ‘ताउते’ के दौरान सौराष्ट्र में मची तबाही की जानकारी लेते हुए प्रधानमंत्री ने मनुष्य के साथ-साथ जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियों की रक्षा और देखभाल के लिए भी संवेदनशीलता के साथ काम करने का मार्गदर्शन दिया था।
श्री पटेल ने आगे कहा कि हमारा यह ध्येय होना चाहिए कि जिस तरह हम जीते हैं, उसी तरह अन्य जीव-जंतु भी प्राकृतिक रूप से शांतिपूर्वक जीवन जी सकें और मुक्त रूप से विचरण कर सकें। गिर में रहने वाले मालधारियों (पशुपालकों) और जंगल एवं उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों ने परस्पर सह-अस्तित्व की भावना से वर्षों से गुजरात के गौरव एशियाई शेरों की देखरेख और संरक्षण का काम किया है, इस वजह से ही आज शेरों की आबादी साल-दर-साल बढ़ती जा रही है।
मुख्यमंत्री ने देशभर में मनाए जा रहे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों में देश के प्रति मान-सम्मान और स्वाभिमान का भाव पैदा करने के लिए देश के जन-जन को जोड़ते हुए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से यह संदेश भी दिया है कि कैसे ‘मां’ की स्मृति को सहेजते हुए प्रकृति के संरक्षण का काम किया जा सकता है।
उन्होंने प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दिनोंदिन पृथ्वी पर वृक्षों का आवरण घटने के कारण आज हम ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। बारिश कहीं बहुत अधिक, तो कहीं बहुत कम होती है। इन सारी समस्याओं से बचने का एकमात्र उपाय पर्यावरण की देखभाल करना ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘विश्व शेर दिवस’ साल में एक बार ही मनाया जाता है, लेकिन ऐसे कार्यक्रम में आने से विद्यार्थियों को प्रकृति के संवर्धन की यदि एक सीख भी मिलेगी, तो यह प्रकृति की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस अवसर पर उन्होंने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के आयामों को लागू करने की अपील भी की। उन्होंने इस मौके पर सांसद राजेशभाई चूड़ासमा द्वारा तालाला और मेंदरडा के बीच सड़क बनाने की मांग पर अनुकूल प्रतिक्रिया देते हुए इस विषय को लेकर अपनी अनुमति प्रदान की।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मुलुभाई बेरा ने विश्व शेर दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एशियाई शेर पूरे भारत और गुजरात की शान हैं। गिर क्षेत्र पर्यटकों को आकर्षित करने वाला सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया है। गिर अपनी अपार सुंदरता के कारण प्रकृति प्रेमियों और सैलानियों को आकर्षित कर रहा है। यहां कलकल बहती नदीं और पहाड़ों से प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है। उन्होंने आगे कहा कि गिर गुजरात के काठियावाड़ का सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का केंद्र है। वन विभाग एवं स्थानीय लोगों के साझा प्रयासों से एशियाई शेरों की आबादी में निरंतर वृद्धि हो रही है।
श्री बेरा ने कहा कि पूरी दुनिया में केवल सौराष्ट्र क्षेत्र में ही एशियाई शेर प्राकृतिक रूप से विचरण करते हैं, जिसमें गुजरात सरकार और वन विभाग के साथ ही पशुपालकों और स्थानीय नागरिकों का बड़ा योगदान है। जनभागीदारी से जब नागरिक जागरूक होते हैं, तभी ऐसे कार्य संभव हो पाते हैं। केवल सौराष्ट्र क्षेत्र में पाए जाने वाले एशियाई शेरों पर गर्व करने के साथ ही हमें उनके संरक्षण और संवर्धन का दायित्व भी निभाना है।
उन्होंने कहा कि ‘विश्व शेर दिवस’ के उपलक्ष्य में वन विभाग की ओर से 75 लाख लोगों को टैक्स्ट मैसेज और तीन लाख लोगों को मेल के माध्यम से जागरूकता संदेश भेजे गए। इसके अलावा, राज्य में शेरों की आबादी वाले 11 जिलों में स्कूली विद्यार्थियों द्वारा रैली, रंगोली और चित्रकला प्रतियोगिता आदि के जरिए शेरों के संरक्षण को लेकर जनजागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने शेरों की आबादी के आंकड़े बताते हुए कहा कि वर्ष 2020 में हुई गणना के अनुसार गिर में 674 शेर पाए गए हैं। सरकार द्वारा शेरों के संरक्षण के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें शेरों के निवास, आहार, संवर्धन, रिहैबिलिटेशन, संशोधन और प्राकृतिक शिविरों के आयोजन सहित इको क्लब जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि एशियाई शेर गिर और आसपास के क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से विचरण करते हैं। शेरों के संरक्षण में स्थानीय लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में इस दिवस को मनाने की शुरुआत वन एवं शिक्षा विभाग के सामूहिक प्रयासों से 2016 में की गई थी। इसके आयोजन में प्रकृति प्रेमी, जनप्रतिनिधि और गुजरात सरकार के विभिन्न विभाग हिस्सा लेते हैं। गत वर्ष विश्व शेर दिवस के आयोजन में 15 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे, जबकि इस वर्ष 16 लाख लोग सहभागी हुए हैं। वन विभाग के प्रयासों से विश्व शेर दिवस वर्चुअल माध्यम एवं प्रत्यक्ष रूप से मनाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग शेरों के संरक्षण के प्रति जागरूक हों।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और महानुभावों के करकमलों से ‘कंजर्वेशन ऑफ एशियाटिक लायनः इंटीग्रेटेड रेडियो टेलिमेट्री फॉर एन्हांस इकोलॉजिकल मॉनिटरिंग’, ‘पॉपुलेशन स्टेटस ऑफ वाइल्ड प्रे इन गिर प्रोटेक्टेड एरिया’ और ‘रीइंट्रोडक्शन एंड सैटेलाइट टेलिमेट्री ऑफ इंडियन ग्रे हॉर्न बिल इन गिर’ नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया। इसके अलावा, गिर में कार्यरत इको डेवलपमेंट समितियों को सामूहिक विकास के कार्यों के लिए 89 लाख रुपए के चेक वितरित किए गए।
इस अवसर पर सासण गिर में शेरों के संरक्षण के लिए की जा रही विभिन्न गतिविधियों की झलक दर्शाने वाली ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति का प्रदर्शन किया गया, साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का शुभकामना संदेश भी प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर सभी लोगों ने शेरों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रतिज्ञा ली। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एन. श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में सांसद राजेशभाई चूड़ास्मा, विधायक भगवानभाई बारड, देवाभाई मालम, भगवानजीभाई करगठिया, अरविंदभाई लाडाणी, जूनागढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष हरीशभाई ठुंमर, गिर सोमनाथ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजूलाबेन मूछार, जूनागढ़ के उप महापौर गिरीशभाई कोटेचा, जूनागढ़ जिला कलेक्टर अनिल कुमार राणावसिया, मुख्य वन संरक्षक श्रीमती आराधना साहू, जिला पुलिस अधीक्षक हर्षद मेहता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक यूडी सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.पी. सिंह, डॉ. जयपाल सिंह और एस.के. श्रीवास्तव, अग्रणी झवेरीभाई ठकरार, महेन्द्रभाई पीठिया, किरीटभाई पटेल, पुनीतभाई शर्मा और सासण गिर के वन्य प्राणी विभाग के उप वन संरक्षक डॉ. मोहन राम सहित कई अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
गुजरात में मनाया गया ‘विश्व शेर दिवस’
