नयी दिल्ली : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद आपराधिक शिकायत बहाल की गई थी।
उच्च न्यायालय ने आठ सितम्बर को माना था कि श्री येदियुरप्पा और अन्य के खिलाफ मामले में जांच करने के लिए एक विशेष अदालत की मंजूरी की अस्वीकृति बाधा नहीं हो सकती है। पिछले वर्ष आठ जुलाई को विशेष अदालत ने कार्यकर्ता टीजे अब्राहम द्वारा दायर निजी शिकायत को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि भ्रष्टाचार की रोकथाम की धारा के तहत वैध मंजूरी के बिना जांच नहीं की जा सकती।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य लोकायुक्त ने 16 सितम्बर को श्री येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों एवं अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी , वसूली और आपराधिक साजिश के लिए विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
अब्राहम के अनुसार आरोपी लोगों ने 2019-21 में श्री येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री कार्यकाल में निर्माण कंपनी को आवासीय परिसर का ठेका देने के लिए श्री येदियुरप्पा की ओर से फर्म से बारह करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली थी।