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इस साल 94 पत्रकारों ने गंवाई अपनी जान

सबसे ज़्यादा मौतें गाज़ा में

नई दिल्ली : (पीएमए) इस साल कई पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई हैं। और अगर गौर किया जाए, तो मरने वाले पत्रकारों में सबसे ज़्यादा गाज़ा में थे। पत्रकारों को अपना काम करते हुए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पास ऐसी जगहों पर जहाँ के हालात सही नहीं होते हैं। इन हालातों में कई बार पत्रकारों के साथ बुरा बर्ताव भी होता है और उन पर पर अत्याचार भी होते हैं। इतना ही नहीं, कई पत्रकार तो अपना काम करने के दौरान अपनी जान भी गंवा देते हैं। इनमें सिर्फ पुरुष पत्रकार ही नहीं, महिला पत्रकार भी शामिल हैं। इस साल भी कई पत्रकारों ने अपना काम करते हुए अपनी जान गंवाई हैं।

इस साल 94 पत्रकारों की मौत

पत्रकारों के लिए बने संगठन इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (IFJ) के अनुसार 2023 में अब तक 94 पत्रकारों की जान जा चुकी हैं। मारे गए पत्रकारों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल थी।

गाज़ा में हुई सबसे ज़्यादा पत्रकारों की मौत

इस साल मारे गए पत्रकारों में सबसे ज़्यादा की मौत गाज़ा में चल रहे इज़रायल और हमास युद्ध की वजह से हुई। युद्ध का कवरेज कर रहे कई पत्रकारों ने इज़रायली सेना के हमलों में अपनी जान गंवाई।

2 साल में तेज़ी से बढ़ा आंकड़ा

दुनियाभर में पत्रकारों की मौत का आंकड़ा पिछले 2 साल में तेज़ी से बढ़ा है। 2022 में दुनियाभर के 67 पत्रकारों की मौत हुई थी तो 2021 में 47 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई थी।

इस साल 393 पत्रकार हुए गिरफ्तार

इस साल कुल 393 पत्रकारों को अपना काम करते हुए जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा है। चीन और हॉन्ग कॉन्ग ने इस साल 80 पत्रकारों को गिरफ्तार किया। म्यांमार ने 54, तुर्की ने 41 और रूस ने 40 पत्रकारों को गिरफ्तार किया है।

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