पंजाब अनएडेड कॉलेजिज एसोसिएशन (पुक्का) ने पंजाब सरकार से तकनीकी पाठ्यक्रम को पंजाबी भाषा में करने की ऑप्शन देने के लिए आग्रह किया है।*
पुक्का के अध्यक्ष डॉ. अंशु कटारिया ने कहा कि एआईसीटीई ने पहले ही क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी पाठ्यक्रमों की अनुमति दे दी है और अन्य राज्यों जैसे की उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु ने अपने इंजीनियरिंग कॉलेजों को तकनीकी पाठ्यक्रम, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम और बंगाली, असमिया और उड़िया आदि क्षेत्रीय भाषाओं में करने की ऑप्शन दी है।
लेकिन आई.के गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, जालंधर; महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, बठिंडा और पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, नई दिल्ली में लगभग 400 संबद्ध शिक्षण कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र इन तकनीकी पाठ्यक्रमों को केवल अंग्रेजी में पढ़ रहे हैं। *इन उपरोक्त विश्वविद्यालयों / बोर्ड ने अभी तक तकनीकी पाठ्यक्रम को क्षेत्रीय भाषा, पंजाबी में शुरू करने की ऑप्शन नहीं दी है।*
डॉ. कटारिया ने आगे कहा कि पॉलिटेक्निक, बी.टेक, बी.फार्मा, बीबीए, बीसीए, एमबीए आदि जैसे पाठ्यक्रमों में, अधिकांश छात्र केवल प्रथम वर्ष में पाठ्यक्रम छोड़ देते हैं क्योंकि वे अंग्रेजी माध्यम का सामना करने में विफल रहे हैं। यदि ये कोर्स पंजाबी में शुरू किए जाएं तो ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी इंजीनियर या प्रबंधन विशेषज्ञ बनने के बारे में सोच सकते हैं।