पुणे: आज, लाखों लोग मोतियाबिंद के कारण दृष्टिहीनता का सामना कर रहे हैं, बी.जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में नए प्रशिक्षु एक अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम से स्नातक हो रहे हैं जो भारत में शल्य चिकित्सा कौशल में सुधार और मोतियाबिंद ग्रस्त लोगों में दृष्टि को बहाल करने पर केंद्रित है। भारत में आज, मोतियाबिंद के कारण 18 मिलियन लोग अंधे या दृष्टिहीन हैं, क्योंकि पर्याप्त प्रशिक्षित मोतियाबिंद विशेषज्ञ नहीं हैं जो सर्जरी कर सकें और उनकी दृष्टि को बहाल कर सकें, डॉ. संजीवनी आंबेकर, हेड ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी, बी.जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, ने कहा। अक्टूबर 2021 में, बी.जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ने अपनी वर्चुअल रीऐलिटी, सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण के लिए HelpMeSee के साथ एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जिससे ज्यादा मोतियाबिंद विशेषज्ञों को प्रशिक्षित कर भारत के मोतियाबिंद से होने वाले अंधेपन संकट से लड़ा जा सके। रोगी सुरक्षा बढ़ाने के लिए, इस प्रशिक्षण में नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास सर्जिकल कौशल प्रशिक्षण में कोविड-19 की चुनौतियों को पार करने की गुजांइश भी है। आज, उन्नीस नए स्नातकों ने प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है, इस वर्ष भारत में कुल 190 प्रशिक्षुओं ने इस वर्ष भारत में सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण पूरा किया है। अतिरिक्त पाठ्यक्रम चल रहे हैं और 2022 में जारी रहेंगे। नेशनल ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इम्पेयरमेंट सर्वे के अनुसार, वर्तमान में, भारत में 66% दृष्टिहीन अनुपचारित मोतियाबिंद के कारण हैं। भारत में लगभग 20,000 नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, जो हर 10 लाख लोगों पर औसतन 8 नेत्र रोग विशेषज्ञों के बराबर है, जो विकसित दुनिया की तुलना में काफी कम है और देश में इनकी उपलब्धता भी समान रूप से नहीं है। प्रशिक्षण के पारंपरिक तरीके की सीमाओं के कारण कई लोगों को आवश्यक शल्य चिकित्सा कौशल प्राप्त करने में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
“कोविड -19 के कारण सर्जिकल प्रशिक्षण प्राप्त करना सीमित हो गया है और हमारी आबादी की उम्र बढ़ने के साथ, सर्जरी की जरूरत वाले लोगों और सर्जनों की उपलब्धता के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है,” डॉ. आंबेकर ने कहा। “इस बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए, हम शल्य चिकित्सा क्षमता के लिए काफी तेज व सुरक्षित मार्ग प्रदान करने हेतु नेत्र रोग विशेषज्ञों के लिए हमारे रेजीडेंट तथा फेलोशिप कार्यक्रमों के तहत सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण का उपयोग कर रहे हैं। यह काेविड-19 के कारण आने वाली चुनौतियों के बावजूद, एक ही समय सीमा के भीतर पेश किए जा रहे सर्जिकल कौशल प्रशिक्षण की गुणवत्ता न केवल बनाए रखना, बल्कि उसमें सुधार करना भी सुनिश्चित करता है।”
पुणे में बी.जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के साथ HelpMeSee की साझेदारी भारत में किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के साथ अपनी तरह की पहली साझेदारी है और उन अनेक स्थानों में से एक है जहां HelpMeSee इस अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम को मोतियाबिंद विशेषज्ञों के लिए उपलब्ध करा रही है। संगठन ने दुनिया भर में 11 प्रशिक्षण केंद्रों पर 40 सर्जिकल सिमुलेटर तैनात किए हैं। भारत में, इसने हैदराबाद में एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट (LVPEI) और मदुरै में अरविंद आई हॉस्पिटल्स के साथ साझेदारी की है। HelpMeSee यह प्रशिक्षण मुंबई में स्थित अपने स्वयं के प्रशिक्षण केंद्र में भी प्रदान करता है।
HelpMeSee छह दिवसीय पूर्णकालिक संरचित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें से अधिकांश इसके उच्च-निष्ठा वाले वर्चुअल रिऐलिटी सर्जिकल सिम्युलेटर पर सर्जिकल कार्यों को सीखने और अभ्यास के लिए समर्पित है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के आधार पर, नवदीक्षित सर्जन जिन्हें इस सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उपयोग करके प्रशिक्षित किया गया था, ने रोगियों की लाइव सर्जरी में पारंपरिक रूप से प्रशिक्षित लोगों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। यह देखा गया कि सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण से प्रशिक्षित लोगों द्वारा की गई लाइव सर्जरी में 50% कम त्रुटियां थीं, जिसके परिणामस्वरूप रोगी की सुरक्षा का स्तर काफी अधिक था। “वर्चुअल रिऐलिटी, सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण लाइव सर्जरी में अनुभव किए जाने वाले स्पर्श की प्रामाणिक भावना प्रदान करता है और यह रोगी की दृष्टि को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकने वाली गलतियों के जोखिम के बिना बार-बार अभ्यास करने की क्षमता प्रदान करता है।,” HelpMeSee के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वान लानसिंग ने बताया। “प्रौद्योगिकी में विकसित और विकासशील दोनों दुनिया के लिए ऐप्लिकेशंस हैं, क्योंकि अनुभवी सर्जन जिनकी कोविड-19 के दौरान लाइव सर्जरी तक सीमित पहुंच रही, वे इसका उपयोग कौशल को ताजा रखने के लिए करते हैं और नए मोतियाबिंद विशेषज्ञों को बड़ी जरूरत वाले लोगों की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। “
ऐसी दुनिया में जहां मोतियाबिंद के कारण 10 करोड़ लोग अंधे या दृष्टिहीन हैं, HelpMeSee वर्चुअल रिऐलिटी, सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण और परिष्कृत कोर्सवेयर के जरिए मोतियाबिंद विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करके मोतियाबिंद दृष्टिहीनता खत्म करने के लिए काम करता है। HelpMeSee 501c3 संगठन है जिसकी स्थापना अल्बर्ट उएल्त्शी ने की थी, जिन्हें कई लोग आधुनिक उड़ान प्रशिक्षण का जनक मानते हैं। अल्बर्ट और उनके बेटे जिम ने मोतियाबिंद के खिलाफ लड़ाई के लिए विमानन उद्योग से सफल नवाचार प्रदान करके इस पीड़ा को समाप्त करने का अवसर देखा। आज, दुनिया भर में 40 से अधिक सिमुलेटर और 11 प्रशिक्षण केंद्रों के साथ, संगठन मोतियाबिंद विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करता है और उन नेत्र रोग विशेषज्ञों के सर्जिकल कौशल में सुधार करता है जो कोविड-19 के कारण सर्जरी नहीं कर पा रहे हैं। मापनीयता और वैश्विक समाधानों पर ध्यान देने के साथ, संगठन वैश्विक मोतियाबिंद संकट से लड़ने और दुनिया भर के लोगों के लिए दृष्टि बहाल करने के लिए सरकारों, विश्वविद्यालयों और नवप्रवर्तकों के साथ साझेदारी करता है।