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ममता, केजरीवाल पर भाजपा का निशाना

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आतंकवादियों एवं अपराधियों को संरक्षण देने तथा आम आदमी पार्टी पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बरबाद करने एवं बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
भाजपा के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला और शहजाद पूनावाला ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये आरोप लगाये। श्री प्रेम शुक्ल ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि सुश्री बनर्जी के राज में संदेशखाली के गुंडे महिलाओं का मंगलसूत्र नोच रहे हैं और शाहजहां शेख जैसे बलात्कारियों को तृणमूल सरकार से संरक्षण प्राप्त है। जो शाहजहां शेख पुलिस की हिरासत में शहंशाह की तरह अदाएं पेश कर रहा था, कल सीबीआई की हिरासत में विलाप कर रहा था। शेख शाहजहां के विलाप का कारण है कि कल संदेशखाली में एनएसजी कमांडो ने सीबीआई के साथ संयुक्त छापेमारी की और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए। बंगाल पुलिस के हथियार भी शाहजहां शेख के गुर्गों के पास से बरामद हुए हैं। संदेशखली से इतनी अधिक मात्रा में हथियारों का बरामद होना इस बात को स्पष्ट करता है कि बंगाल पुलिस स्वयं आतंकवाद को शरण दे रही थी। एनएसजी को हथियारों का जखीरा बरामद होने के बाद भी बंगाल सरकार सीबीआई की जांच को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय तक जाती है। ममता सरकार द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे संरक्षण को देखकर स्पष्ट है कि किस तरह पश्चिम बंगाल अराजकता के मुहाने पर बैठा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ममता बनर्जी की ममता आतंकवादियों, बलात्कारियों और भ्रष्टाचारियों के साथ है, लेकिन जैसे ही केन्द्रीय एजेंसियां एनआईए, ईडी या सीबीआई किसी भी आतंकवादी या भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई करती है तो ममता बनर्जी की निर्ममता प्रकट होती है। ममता बनर्जी बार-बार यह सवाल उठाती है कि एनआईए रात के समय क्यों कार्रवाई कर रही है, ईडी के अधिकारियों पर हमला करने वालों के समर्थन में ममता बनर्जी खड़ी होती है। सीबीआई के अधिकारियों द्वारा लाखों की नकदी बरामद की जाती है तो ममता दीदी भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी जो जाती हैं, लेकिन एक बार भी सीबीआई का समर्थन नहीं करती हैं। ममता बनर्जी के राज में न तो मां सुरक्षित है, न ही माटी सुरक्षित है और न ही मानुष सुरक्षित है। बंगाल में शाहजहां जैसे बलात्कारी, आतंकवादी और ईडी पर हमला करने वाले गुंडे सुरक्षित हैं।
श्री शुक्ल ने कहा कि एनएसजी के कमांडो द्वारा हथियारों की बरामदी के बाद भी तृणमूल सरकार को सीबीआई जांच को रोकने और न्यायालय में जाने का नैतिक अधिकार है? क्या राजनीतिक निर्देश पर शाहजहां शेख के गुर्गों को पश्चिम बंगाल की पुलिस सुरक्षा दे रही है? जिस बंगाल में सुभाष चंद्र बोस का शौर्य प्रदर्शित होता था, गुरु रवीन्द्र का संगीत लोगों के कानों में गूंजता था और अरविंदो घोष का दर्शन प्रचलित था, आज वह बंगाल बम धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है। पश्चिम बंगाल की जनता चरण दर चरण बढ़-चढ़कर मतदान में भाग ले रही है और आगामी 4 जून को अपना जनादेश स्पष्ट कर देगी। इंडी अलायंस के नेता छोटे-छोटे मुद्दों पर भी ट्वीट और टिप्पणी करते हैं, लेकिन संदेशखाली जैसे संवेदनशील मुद्दे पर ममता की निर्ममता पर राहुल, स्टालिन, उद्धव और अखिलेश चुप क्यों है?
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि उच्च न्यायालय दिल्ली की सरकार को लिखित में अनेक संदेश दे रहा है। जिस प्रकार बंगाल में ना मां, ना माटी और ना मानुष सुरक्षित है, सुरक्षित केवल शाहजहां है ठीक उसी प्रकार दिल्ली में भी ना लाखों बच्चे और ना उनका भविष्य सुरक्षित है यदि सुरक्षित है तो सिर्फ शराब घोटाले में लिप्त सरगना है। रामलीला मैदान में कुछ लोग सियासत बदलने आए थे. परन्तु इसी रामलीला मैदान में बदलते हुए और सियासी रूप से अपना धर्मांतरण करते हुए कुछ लोगों का चेहरा हमने लगातार देखा है। किस प्रकार झाड़ू से दारू तक, स्वराज से शराब तक, अन्ना हजारे से लालू तक और इंडिया अगेन्स्ट करप्शन से जिन्होंने शुरूआत की, वो लोग इंडी अलायंस आफ करप्शन तक पहुंच गए। जो लोग ये नारा लगाया करते थे कि लालू, सोनिया, राहुल और अखिलेश को जेल भेजना है। आज उन्ही लालू, सोनिया, राहुल और अखिलेश के साथ खड़े होकर कहते हैं कि हमें जेल भेज दिया, तब भी हम सरकार जेल से ही चलाएंगे। यह जो सियासी धर्मांतरण हुआ है इस पर केवल भाजपा ही नहीं, बल्कि आज दिल्ली के उच्च न्यायालय भी आज मोहर लगा रहा है।
श्री पूनावाला ने कहा कि यह दिल्ली का भी दुर्भाग्य है कि यहां भी एक पाब्लो एस्कोबार कट्टर बेशर्मी और निर्लजता से जेल से सरकार चला रहे हैं और उस पर जब संवैधानिक कोर्ट अपनी सख्त आलोचना और निष्कर्ष दे रही है, उसके बाद भी कितनी निर्लजता से कुछ लोग सिर्फ सत्ता की लालच में अपने पद पर बने हुए हैं। जिस दिल्ली के शिक्षण मॅाडल को ये लोग दुनिया का विश्व स्तरीय शिक्षण मॅाडल कहते हैं, उसकी हकीकत को लेकर भी कुछ सख्त टिप्पणियां और निष्कर्ष दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिए हैं। जो बच्चों की सौगंध खाते थे और कहते थे कि हम दो कमरे के मकान में रह लेंगे, आज किस प्रकार से उनके अंदर शीशमहल वाली मानसिकता आ चुकी है।
भाजपा प्रवक्ता श्री पूनावाला ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका में यह बात सामने आई कि दिल्ली के अंदर लाखों ऐसे बच्चे हैं, जिनको टीन के क्लास रूम में बैठना पड़ता है, हजारों ऐसे बच्चें हैं जिनको पाठ्य पुस्तकें, कॉपियां, ब्लैक बोर्ड, डेस्क आदि कोई भी बुनियादी सुविधा स्कूलों में उपलब्ध नहीं है और ये सभी स्कूल अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार के तहत आते हैं। ऐसे लाखों बच्चों की चिंता करते हुए जब ये याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में जाती है और जब उच्च न्यायालय लगातार दिल्ली सरकार से ये पूछती है कि इन बच्चों के बारे में आप क्या कर रहें हैं और इन बच्चों को ये बेसिक सुविधाएं जो इनका अधिकार है क्यों नहीं दी जा रहीं हैं।
श्री पूनावाला ने बताया कि केजरीवाल सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘’हम इसलिए बच्चों को बुनियादी सुविधा नहीं दे सकते, क्योंकि हमारा मुख्यमंत्री जेल में है और मुख्यमंत्री जेल में होने की वजह से हमारी सरकार इन बच्चों के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं ले पा रही है’, तब इसके जवाब में उच्च न्यायालय ने कहा कि “आप ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और हितों को देश के हित के ऊपर रखा है, सत्ता की लालच में आप देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बच्चों के पास नोटबुक और यूनिफार्म नहीं है, वो टिन शेड में पढ़ाई कर रहे हैं, क्या सरकार के लिए ये सही है? क्या ये कोर्ट की जिम्मेदारी है कि वर्दी और किताबें बांटे? यह कोर्ट का काम नहीं है।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछली सुनवाई में भी अदालत ने कहा था कि “ स्कूल बहुत ही खराब हालत में हैं। दिल्ली सरकार का काम बच्चों की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है। “आप” सरकार केवल अखबारों में स्कूलों के अच्छे होने का सिर्फ विज्ञापन ही मत डालिए। एक कक्षा में 144 बच्चे पढ़ रहे हैं। यह बहुत ही दयनीय स्थिति है। एक ही समय में अलग-अलग शिक्षक एक ही कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ा रहे हैं। आधा समय एक बच्चा एक दिशा में देख रहा है औऱ बाकी समय दूसरी दिशा में देख रहा है। कोई भी वरिष्ठ मंत्री व नेता के बच्चे इस स्कूल में पढ़ नहीं रहे हैं, इसीलिए सरकार को अपने विश्व स्तरीय स्कूलों की हकीकत पता नहीं है।”
श्री पूनावाला ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा है कि लगभग 6 लाख विद्यार्थियों तक यूनिफॉर्म और किताबें नहीं पहुंची हैं। दिसम्बर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार 48 स्कूल, 24 भवनों से संचालित हो रहे हैं, जिसमें एक 1,30,000 बच्चे पढ़ रहे हैं और एक स्कूल में लगभग 3000 बच्चे एक साथ पढ़ते हैं। इस संदर्भ में आप सरकार ने कहा कि दो साल से 358 क्लास रूम हैं जो पीडबल्यूडी द्वारा निर्माणाधीन हैं। दिल्ली सरकार के पास अन्य कामों के लिए बहुत पैसे हैं, लेकिन जब 16.5 करोड़ रुपए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को देकर कक्षा के निर्माण की बात आती है तो उसके लिए पैसे नहीं थे।
भाजपा प्रवक्ता कहा कि अप्रैल 2023 को, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ को जनहित याचिका दायर करनी पड़ी क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा था, जिससे उन्हें अपने मूल वेतन के लिए बार-बार उच्चतम न्यायालय सहित हर अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। नवंबर 2022 में दिल्ली के भाजपा नेता श्री मनोज तिवारी ने कक्षा निर्माण में भ्रष्टाचार की चिंता व्यक्त करते हुए जानकारी दी थी कि किस तरह शौचालयों को कक्षाओं के रूप में प्रस्तुत किया गया और 25 से 30 लाख रुपये तक का हेरफेर किया गया। इस मुद्दे पर लोकायुक्त की रिपोर्ट और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के साथ जांच शुरू हुई, जिससे न केवल ‘विश्व स्तरीय शिक्षा’ के एजेंडे पर सवाल उठे, बल्कि सरकार की नैतिकता और दिल्ली सरकार द्वारा कानूनी मानकों के प्रति पालन पर भी प्रश्न चिन्ह लगा।

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