पटना : बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में एक राष्ट्रीयकृत बैंक के पूर्व प्रबंधक समेत चार लोगों को तीन वर्षों तक के सश्रम कारावास के साथ ही तीन लाख 50 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पटना स्थित अदालत संख्या एक के न्यायाधीश अविनाश कुमार ने मामले में सुनवाई के बाद भारतीय स्टेट बैंक की औरंगाबाद जिला स्थित नबीनगर शाखा के पूर्व प्रबंधक पंकज कुमार सिंह तथा फर्जी फर्मों के मालिक विजय कुमार सिंह, जोगेंद्र कुमार सिंह और चंद्रदीप सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 420, 468 और 471 तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।
अदालत ने दोषी बैंक प्रबंधक पंकज कुमार सिंह को तीन वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ तीन लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना किया। दोषी विजय कुमार सिंह और जोगिंदर कुमार सिंह को तीन वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ प्रत्येक को एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना किया है जबकि दोषी चंद्रदीप सिंह को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा के साथ 30 हजार रुपये का जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को तीन महीने के कारावास की सजा अलग से भुगतानी होगी।
आरोप के अनुसार, दोषी शाखा प्रबंधक ने अन्य दोषियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत भ्रष्टाचार पूर्वक फर्जी फर्मों के नाम से ॠण जारी कर बैंक को लगभग तीन लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया था। मामले की प्राथमिकी वर्ष 1991 में दर्ज की गई थी।