भिण्ड : मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड की सबसे छोटी नदी सोन भद्रिका मृगा नदी में जलस्तर बढ़ने से इसके चपेट में एक गांव के अंदर कई मकानों का नुकसान प्रकाश में आया है।
भिण्ड जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर दूर स्थित टोला रावतपुरा गांव में सोन भद्रिका मृगा नदी ने सन् 1990 की यादों को ताजा कर दिया। इस गांव में बीते 12 सितंबर की रात से बाढ़ का पानी आया। 13 और 14 सितंबर को बाढ़ का पानी ग्रामीणों के घरों में हिलोरें मारता रहा। 14 सितम्बर की रात को पानी उतर गया। इस गांव का रास्ता कल 15 सितंबर को खुल गया। पानी उतरते ही लोगों ने राहत की सांस ली। सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों का हुआ है जिनके कच्चे मकान है। मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गये। लोगों की घर गृहस्थी का सामान पूरी तरह नष्ट हो गया। बाढ़ का पानी आता देख लोग जरूरत का सामान समेट ले गये थे। ये लोग ऊंचाई वाले स्थान पर जा पहुंचे जब नदी उतरी तो वापस पहुंचने पर ऐसे लोगों के कच्चे मकान ध्वस्त हो गये। घर पर न बैठने के लिए जगह बची न सिर छिपाने का आसरा।
टोला रावतपुरा गांव में स्कूल व आंगनबाड़ी में पानी के घुसने से स्कूल में रखा छात्रों के पढ़ाई लिखाई की सामग्री नष्ट हो गई। आंगनबाड़ी बंद हो गई। हालांकि स्कूल अभी भी पानी से घिरा है।
चंबल नदी हालांकि आज खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही है। लेकिन कुंवारी नदी का जलस्तर 130.41 है। जो खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर है।