वाराणसी : उत्तर प्रदेश में वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास में पहले से कार्यरत लिपिकों द्वारा काम में रूचि न लेने, भ्रष्टाचार, पत्रावलियों की हेराफेरी एवं वित्तीय अनियमितताओं से सम्बन्धित शिकायतों की जांच के सम्बन्ध में मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल ने स्थानीय जिलाधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शनिवार को बताया कि उक्त निर्देशों के अनुक्रम में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यास में कार्यरत वरिष्ठ लिपिक अरूण कुमार मिश्र, कम्प्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी एवं लिपिक संजय चतुर्वेदी के विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं।
इनमें आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना, न्यास एवं मंदिर से जुड़े वित्तीय दायित्वों का नाजायज लाभ उठाकर धनराशि की हेराफेरी करना, महत्वपूर्ण पत्रावलियों को गायब करना, मंदिर के बाहरी व्यक्तियों के नाम से मंदिर के कम्प्यूटर पर शिकायतें टाइप करना, मंदिर व न्यास की प्रतिष्ठा के विरूद्ध कार्य करना, अपने दिये गये दायित्वों का निर्वहन ना करना, परिचित यजमानों को दर्शन कराना, कार्यालय समवावधि में मंदिर परिसर में उपस्थित रहकर लोगों को दर्शन कराना आदि शिकायतें शामिल हैं।
यह भी जानकारी दी गई है कि उपरोक्त गतिविधियों से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण पत्रावलियाँ इनके द्वारा गायब कर दी गई हैं। ऐसी दशा में उपरोक्त तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध सार्वजनिक साक्ष्य संकलन आवश्यक है। उन्होंने अवगत कराया है कि उपरोक्त तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध आरोपित कृत्यों के सम्बन्ध में कोई भी जन साधारण साक्ष्य देना चाहते हैं तो बन्द लिफाफे में जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में प्राप्त करवायें।
ये साक्ष्य जिलाधिकारी के आधिकारिक ईमेल पर भी भेजे जा सकते हैं। यदि कोई मौखिक रूप से मिलकर साक्ष्य, सबूत अथवा महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं तो जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में सम्पर्क करके उसे उपलब्ध कराने हेतु भेंट कर सकते हैं। उपरोक्त साक्ष्य 23 सितम्बर की सायंकाल तक उपलब्ध कराये जा सकते हैं।