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खनन,भू-विज्ञान मंत्री ने पद संभालने के पहले दिन ही व्यापक सुधारों की शुरुआत

चंडीगढ़ : पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद शुक्रवार को पहले दिन ही खनन और भू-विज्ञान विभाग को पहल देते हुये विभाग के काम में पारदर्शिता लाने की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया।
श्री गोयल ने विभाग के कामकाज में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य में खनिजों का सही लेखा-जोखा सुनिश्चित करना और प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाते हुये अधिक से अधिक राजस्व जुटाना है।
उन्होंने बताया कि इस प्रणाली को अपनाकर हम एक ऐसी ठोस रूपरेखा लागू करेंगे, जिससे कच्चे/ प्रसंस्कृत खनिजों की सही ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग की सुविधा मिलेगी और साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि राज्य का राजस्व जुटाने की नीति के अनुसार वित्तीय अखंडता कायम रखने और पंजाब के आर्थिक लक्ष्यों को पूरा किया जाये।
उन्होंने समूह अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि चरणबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से तकनीकों को लागू कर विभाग की सभी नीतियों में सुधार किये जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अवैध खनन गतिविधियों को रोकने और राज्य के राजस्व में वृद्धि करने के लिये विभाग मौजूदा प्रणाली में तकनीकी संशोधन करने के लिये पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण के पहले चरण के तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) के आधार पर भार तोलक कांटे स्थापित किये जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इस पहल के तहत 12 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने खनन और भू-विज्ञान विभाग के साथ सहयोग में रुचि दिखाई है। चंडीगढ़ में आयोजित ‘दिलचस्पी का प्रगटावा’ कार्यशाला के दौरान विभाग ने छह फ्लाइंग टीमों के गठन की भी घोषणा की, जो उच्च तकनीकी लाइव कवरेज क्षमताओं से लैस होंगी और इनकी निगरानी सरकार के मुख्यालय द्वारा की जायेगी।
श्री गोयल ने बताया कि राज्य में प्रसंस्कृत सामग्रियों को नियमित करने के लिये विभाग ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी) के आधार पर लगभग 101 रणनीतिक स्थानों पर वज़न सेंटर, बूम बैरियर, एडवांस्ड कैमरा सिस्टम (ए.एन.पी.आर/पी.टी.जेड/आई.पी/वैरिफोकल), प्रीपेड सुविधाओं वाले आर.एफ.आई.डी रीडर और आर.एफ.आई. डी टैग लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। इस पहल का उद्देश्य क्रशर यूनिट से प्रसंस्कृत सामग्रियों के लेखा-जोखा करने में मौजूदा प्रणाली में सुधार करना शामिल है।

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