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केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने उमर

श्रीनगर : उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के पद की बुधवार को शपथ ली।
यहां के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं, श्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। श्री सिन्हा ने नयी सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों श्री सतीश शर्मा, सुश्री सकीना इटू, श्री जाविद अहमद डार और श्री जाविद राणा को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कांग्रेस मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई, लेकिन उसने श्री उमर के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया है। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने बुधवार को कहा, “हम नाखुश हैं, इसलिए, हम फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो रहे हैं।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रखेगी।”
श्री कर्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की जोरदार मांग की है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक सभाओं में बार-बार यही वादा किया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया है। इस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, श्रीमती प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता डी राजा, खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दौलत, श्री फारूक अब्दुल्ला, प्रोफेसर सैफ-उद-सोज और कई राजनीतिक तथा सरकारी अधिकारी शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि 05 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त किये जाने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने तथा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस तरह से प्रदेश को श्री अब्दुल्ला के रूप में पहला मुख्यमंत्री मिल गया है। प्रदेश के चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 01 अक्टूबर को तीन चरणों में हुए थे और परिणाम 08 अक्टूबर को घोषित किए गए थे, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें हासिल की है। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 29, कांग्रेस ने 06, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) , आप और पीसी ने क्रमश: एक-एक और 07 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी नयी विधानसभा में जगह बनाई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (इंडिया गठबंधन की एक सहयोगी) ने प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले श्री अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।
उन्होंने मीडिया से कहा, “हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना होगा। मेरे पास कुछ अजीबोगरीब विशिष्टताएँ हैं। मैं छह साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था। अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा। ”
श्री अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले डल झील के किनारे नसीम बाग में अपने दादा-दादी की कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की और हजरतबल दरगाह पर मत्था टेका।

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