मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर किया, 30 अक्टूबर को पुल टूटने से 91 जानें गई थीं
मोरबी : मोरबी ब्रिज हादसे में आरोपी ओरेवा ग्रुप के रूष्ठ जयसुख पटेल ने मंगलवार को मोरबी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। इसी महीने गुजरात पुलिस ने इस केस में 1262 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें ब्रिज गिरने के मामले में जयसुख पटेल को मुख्य आरोपी बनाया गया था। 24 जनवरी को गुजरात के एक कोर्ट ने पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी
मोरबी ब्रिज हादसे के मामले में गुजरात पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ओरेवा ग्रुप के चार कर्मचारी शामिल हैं। जयसुख पटेल का नाम स्नढ्ढक्र में भी आरोपी के रूप में दर्ज है। जयसुख ने 20 जनवरी को मोरबी की सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट ने ग्रुप को नोटिस जारी किया था
गुजरात हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने पिछले महीने मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कंपनी को हादसे से हुए नुकसान के भुगतान के लिए उत्तरदायी बनाया जाए। अजंता कंपनी ने पुल की मरम्मत के लिए देवप्रकाश सॉल्यूशंस के साथ एग्रीमेंट किया था। सरकार को जानकारी दिए बिना या फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किए बिना दीपावली की छुट्टियों के दौरान पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया।