केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल रहेंगे उपस्थित
नई दिल्ली, 28 सितंबर।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के सहयोग से एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। “कानूनी प्रणाली और शिक्षा का भारतीयकरण” विषय पर होने वाले इस सम्मेलन का आयोजन 29 और 30 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज के कन्वेंशन हॉल में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल सम्मानित अतिथि होंगे। सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह करेंगे। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र 29 सितंबर को शाम 5:00 बजे आयोजित होगा।
कार्यक्रम के दूसरे दिन 30 सितंबर को, ऑनलाइन तकनीकी सत्र होंगे जिनमें जनता की जरूरतों को पूरा करने वाली अत्यधिक समावेशी कानूनी प्रणाली की दिशा में एक प्रणालीगत परिवर्तन को चिह्नित करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श होगा। कानूनी और नौकरशाही से जुड़ी सम्मानित हस्तियां जैसे कि जस्टिस राजेंद्र मेनन (अध्यक्ष, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय), एनएचआरसी सदस्य एवं जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एम.एम. कुमार, सामाजिक विचारक अतुल कोठारी, पद्म भूषण प्रोफेसर वेद पी. नंदा, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन इवांस और डेनवर विश्वविद्यालय, यूएसए के कानून के प्रोफेसर थॉम्पसन जी. मार्श, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के न्यायिक सदस्य जस्टिस करुणा नंद बाजपेयी, अनंत लॉं के पार्टनर राहुल गोयल, हरीश साल्वे और डॉ. राजीव मणि आदि तकनीकी सत्रों में भाग लेंगे तथा कमजोर व वंचित समूहों के मुद्दों, भाषाई बाधाओं, न्याय वितरण को कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण, भारतीय कानूनी शिक्षा में सुधार आदि पर प्रकाश डालेंगे।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन 30 सितंबर को होगा। समापन सत्र के दौरान केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय से राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एम.एम. सुंदरेश, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और जस्टिस राजीव शकधर उपस्थित रहेंगे।