अमृतसर : सरचंद सिंह ख्याला ने बुधवार को कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है। अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। ख्याला ने कहा कि हर दिन हो रही बड़ी घटनाओं से पंजाब दहल रहा है। सरकार के कदमों से आपराधिक तत्वों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। जहां काउंटर इंटेलीजेंस इंस्पेक्शन सुरक्षित नहीं है, वहां आम लोग कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में जंगलराज है और लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
ख्याला ने कहा कि आज अमृतसर में दिनदहाड़े एक पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मार दी गयी, तरनतारन के तुंग गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। इसी जिले के घरियाला गांव में रात को जिम मालिक रणजीत सिंह पर अंधाधुंध गोली चलाई गई। अमृतसर में दवा विक्रेता से 10 लाख की लूट, भीखी विंड में एक डॉक्टर को जान से मारने की धमकी और दो करोड़ की फिरौती मांगी। रंगदारी को लेकर बठिंडा के कारोबारी की हत्या से कारोबारी पहले से ही डरे हुये हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में जिस तरह के हालात हैं, कोई भी उद्योगपति राज्य में रहने को तैयार नहीं है।
व्यापारी वर्ग भी यहां से पलायन करने की सोच रहा है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान हालात सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सिर्फ विज्ञापनों में वह अपना और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 50 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया है, जिसमें से 800 करोड़ राज्य के विकास के बजाय विज्ञापनों पर खर्च कर दिये गये हैं। श्री केजरीवाल और आप चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टरों और फिक्स्ड-विंग छोटे लक्जरी विमानों के उपयोग पर पंजाब के 50 करोड़ से अधिक के खजाने को खाली किया है।
प्रो सिंह ने मान से कहा कि वह चुनाव प्रचार में लगे केजरीवाल की ड्राइवरी छोड़कर पंजाब की कानून-व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाने और आपसी भाईचारे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दें। यदि वे ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर अस्तित्व में आई आप पार्टी खुद भ्रष्टाचार में गले तक डूब गई है।
शराब घोटाले में 338 करोड़ रुपये का फायदा मिलने के मामले में केजरीवाल खुद ईडी के सामने पेश होने से डर रहे हैं। केजरीवाल की पूरी टीम भ्रष्टाचार के मामले में बेनकाब हो चुकी है। पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा बैंक फ्राड मामले में फसे हैं, जबकि एक अन्य विधायक कुलवंत सिंह ड्रग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सलाखों के पीछे हैं।