कोटा : पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता ने रेलवे में सेवारत और सेवा निवृत्त रेल कर्मचारियों को मानार्थ पास के मामलों में 20 साल की अनिवार्य समय सीमा में तीन माह की छूट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुप्ता ने इसके साथ ही रेलवे बोर्ड को लिखे एक पत्र में पेंशन मामलों में दी जा रही छूट की तरह ही मानार्थ पास में भी छूट देने का प्रावधान करने के लिए अनुरोध किया गया था जिसे रेलवे बोर्ड ने मान लिया है। पश्चिम-मध्य रेलवे के अधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि रेल मंत्रालय के इस निर्णय से संपूर्ण भारतीय रेलवे के रेल कर्मचारियों को मानार्थ पास में अब तीन माह तक की छूट मिलने लगेगी और 20 साल की पूरी सेवा अवधि की अनिवार्यता खत्म हो गई है।
इस दौरान यथासंभव प्रयास किए जाते हैं कि सेवारत एवं सेवा निवृत्त कर्मचारियों से प्राप्त होने वाली शिकायतों समस्याओं का एक निश्चित समयावधि में विद्यमान नियमों के तहत निराकरण कर दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि ऐसी ही शिकायतों के मध्य एक सेवा निवृत्त रेल कर्मचारी से शिकायत प्राप्त हुई कि 19 वर्ष 9 माह की अर्हक रेल सेवा पश्चात सेवानिवृत्त हुए हैं नियमानुसार पेंशन के लिये उनकी रेल सेवा 20 वर्ष मानते हुए पेंशन लाभ प्रदान किए जा रहे हैं लेकिन मानार्थ पास के मामले में उनकी रेल सेवा को 20 वर्ष नहीं माना जा रहा है।
रेलवे में अब पेंशन की तरह मानार्थ पास में भी मिलेगी छूट
