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‘कोआपरेटिव सोसाइटी में महिला आरक्षण के मामले में जवाब-तलब

नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में कोआपरेटिव सोसाइटी में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण समेत पांच मामलों पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को प्रदेश सरकार से दो दिसंबर तक जवाब देने को कहा है।
सभी मामलों पर सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से उत्तराखंड कोआपरेटिव सोसाइटी नियमावलीए 2024 में किये गये प्रावधानों को चुनौती दी गयी है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सरकार ने वर्ष 2018 की नियमावली में संशोधन कर कोआपरेटिव सोसाइटी में महिलाओं के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण के अलावा एक व्यक्ति के लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध और एक परिवार से एक ही व्यक्ति के चुनाव लड़ने का प्रावधान किया है।
याचिकाकर्ता अशरफ की ओर से कोआपरेटिव सोसाइटी में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह गलत है। निजी कोआपरेटिव सोसाइटी में सरकार आरक्षण तय नहीं कर सकती है। सरकार ने हर जिले में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण तय कर दिया है।
अदालत ने फिलहाल याचिकाकर्ताओं को राहत देने से इनकार कर दिया है तथा सरकार से आगामी दो दिसंबर तक जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि अदालत एक्ट में रोक नहीं लगा सकती है। यदि कोई प्रावधान गलत है तो याचिकाकर्ता उसे चुनौती दे सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
गौरतलब है कि राज्य सहकारिता निर्वाचन प्राधिकरण की ओर से कोआपरेटिव सोसाइटी के लिये प्रदेश में निर्वाचन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। आगामी 21 नवम्बर को चुनाव होना है।

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