नई दिल्ली: देश में वर्ष 2021-22 में 5जी, क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और बिग डेटा एनालिटिक्स, आईओटी, मोबाइल ऐप विकास और रोबोटिक्स प्रक्रिया स्वचालन के क्षेत्र में 1.5 लाख से अधिक लोगों की मांग रही और यह अंतर करीब 28 प्रतिशत है। यह जानकारी टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) ने ‘अवलोकनः भारतीय दूरसंचार बाजार 2022-23’ रिपोर्ट में बुधवार को दी।
रिपोर्ट में कहा गया कि टेलीकॉम क्षेत्र में वर्ष 2025 तक भारत में 1.3 लाख करोड़ डॉलर के व्यवसाय के अवसर होंगे और इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 90 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इसमें वर्ष 2025 तक 41 करोड़ नए स्मार्टफोन उपभोक्ताओं के जुड़ने की भी उम्मीद है।
भारत का टेलीकॉम उद्योग दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस क्षेत्र का उद्योग है जिसमें दिसंबर 2021 तक 1.18 अरब ग्राहक थे।
टीएसएससी ने देश में 5जी नेटवर्क चालू होने के मद्देनजर अपने साझीदारों और भागीदारों के साथ मिलकर कौशल विकाल की ढांचागत सुविधाएं और कार्यबल बढ़ाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत अगले तीन वर्षों में एक लाख लोगों को प्रशिक्षित करने और देशभर में 10 नए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोले जाएंगे।
रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर मंत्रालय, उद्योग और शिक्षा क्षेत्र से कई गणमान्य उपस्थित रहें जिन्होंने कार्यबल को कुशल बनाने, टेलीकॉम क्षेत्र, आईओटी और ड्रोन क्षेत्र पर चर्चा की।
पैनल में शामिल लोगों ने चर्चा के दौरान कहा कि आज के दौर में जहां तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है, 5जी तकनीक ग्राहकों के अनुभव को एक अलग स्तर पर ले जाएगी जोकि स्वास्थ्य, उद्योग, शिक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में कारगर साबित होगी। इसमें टेलीकॉम क्षेत्र को सरकार के समर्थन की आवश्यकता पड़ेगी और सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) इसमें अहम होंगी।
ड्रोन पर बात करते हुए गणमान्यों ने कहा कि इस क्षेत्र में सरकार की ढ़ील के बाद से यह तेजी से उन्नति करेगा और सर्वेक्षण, मौसम, समान पहुंचाने जैसे कामों में इसकी मदद बड़े पैमाने पर ली जाएगी। आगामी पांच वर्ष में ड्रोन उद्योग के 30,000 करोड़ रुपये तक होने का अनुमान है, जिसमें पांच लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।
टीएसएससी इस क्षेत्र में कार्य करते हुए हमारा मकसद लोगों को कौशल प्रदान करना है जिससे तमाम तकनीकी क्षेत्र में ये कार्य करने के लिए तैयार हों। हम छात्रों को कॉलेज से सीधा नौकरी के लिए तैयार करते हैं।
दूरसंचार विभाग के सचिव के राजारमण ने कहा, “भारत में दूरसंचार और नेटवर्क से जुड़ी सेवाओं को लेकर रोजगार की जबरदस्त संभावनाएं हैं। कौशल विकास की इस जरूरत की ओर प्रगति से प्रौद्योगिकी संबंधी बदलावों और कौशल विकास पर ध्यान सुनिश्चित होगा और कार्यबल भविष्य के लिए अधिक प्रासंगिक होगा। उद्योग को ग्रामीण ब्रॉडबैंड टेक्नीशियन का सृजन करने की जरूरत है जो इस देश के भीतर खासकर ग्रामीण इलाकों में भारतनेट के विकास को सहयोग प्रदान कर सकें।”
टीएसएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविंद बाली ने कहा,“ हम भारत में 5जी परितंत्र की वृद्धि के लिए कार्यबल
की मांग पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह परितंत्र दूरसंचार उपकरण, इलेक्ट्रोनिक्स एवं हैंडसेट विनिर्माण में पीएलआई के लिए मंजूरी के साथ बड़ी संख्या में विनिर्माण इकाइयों का उदय देखने जा रहा है। ओईएम भारत में अपनी इकाइयां लगा रही हैं और उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए कई तरह के कौशल वाले लोगों की जरूरत पड़ेगी। हमारा लक्ष्य 5जी और इसकी सहायक प्रौद्योगिकियों के लिए एक विश्वस्तरीय कुशल कार्यबल के साथ इस परितंत्र की मदद करना है।”