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उत्तर प्रदेश हरियाणा बढ़ा रहे दिल्ली में वायु प्रदूषण : आप

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी(आप) ने बुधवार को कहा कि सर्दियों के मौसम में दिल्ली में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण के पीछे असली कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश हैं।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने आज कहा,“ पूरे भारत में केवल श्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में काम रही आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब की सरकारें ही जनता को प्रदूषण से राहत दिला रही हैं। पिछले तीन दिनों से दिल्ली का एक्यूआई 200 को पार कर गया है जोकि खराब श्रेणी है। इसका एक मुख्य कारण पराली है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने के कारण उसका प्रदूषण दिल्ली में आता है।”
श्री शाह ने कहा कि केंद्र सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(आईएआरआई) के एक से 14 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में पंजाब में 1105 पराली जलाने की घटनाएं सामने आईं लेकिन 2024 में ये घटनाएं घटकर 811 हो गई हैं। हरियाणा में 2023 में एक से 14 अक्टूबर के बीच पराली जलाए जाने की 341 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल इसी समय सीमा में बढ़कर 417 हो गईं। उत्तर प्रदेश में पिछले साल एक अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच पराली जलाए जाने की 244 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल बढ़कर 417 हो गई हैं। जब से पंजाब में ‘आप’ सरकार आई है, वहां पराली जलाए जाने की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि पराली केवल एकमात्र मुद्दा नहीं है जिससे दिल्ली में प्रदूषण आता है। केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के डेटा के मुताबिक, दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण है, उसमें से केवल एक तिहाई दिल्ली के अंदर उत्पन्न होता है। दो तिहाई प्रदूषण दिल्ली के बाहरी राज्यों से आता है, जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। केवल दिल्ली में काम करने से दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं होगा। इसके लिए केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार को भी काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कई काम किए हैं। सरकार ने दिल्ली में 2000 के करीब इलेक्ट्रिक बसें चलाई, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या शून्य है। दूसरा है, थर्मल पावर प्लांट। केवल दिल्ली की सरकार है जिसने प्रदूषण के कारण अपने सारे थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए हैं जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
‘आप’ नेता ने निर्माण के मुद्दे पर कहा कि तमाम सरकार की रिपोर्टें कहती हैं कि करीबन एक तिहाई प्रदूषण निर्माण स्थलों से आता है। इसे लेकर दिल्ली सरकार गंभीर है लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने कोई कदम नहीं उठाया है।

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