कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने काली पूजा के दौरान पशु बलि पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। न्यायालय सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अखिल भारतीय गो सेवक संघ द्वारा हालांकि कोलकाता के बोल्ला काली मंदिर में “बोल्ला काली पूजा” के अवसर पर पशुओं की बलि पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गयी थी। जिस पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की अवकाश पीठ ने कहा था कि पूर्वी भारत में धार्मिक प्रथाएं उत्तर भारत की धार्मिक प्रथाओं से भिन्न हैं। इसलिए यह व्यावहारिक नहीं होगा कि उन प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जाए जो कई समुदायों के लिए एक मूलभूत धार्मिक प्रथा बन गई हैं।
इससे पहले वर्ष 2023 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पशु बलि को रोकने के लिए किसी तरह की अंतरिम राहत देन से इनकार कर दिया था। अवकाश पीठ ने यह भी कहा कि पशु बलि एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है, इसके बावजूद उत्तर भारत और पूर्वी भारत में एक आवश्यक प्रथा बन गयी है।
न्यायालय ने कहा कि क्रियान्वयन की असंभवता और याचिकाकर्ताओं द्वारा स्पष्ट मामला बनाए बिना पूर्ण प्रतिबंध का आदेश नहीं दिया जा सकता। इसके बाद न्यायालय ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि न्यायालय ने मामले को नियमित पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।