नई दिल्ली : जेनरोबोटिक्स ने मैनुअल स्कैवेंजिंग को बदलने के लिए एक अभिनव समाधान के रूप में डिजाइन किए गए बैंडिकूट का लोगो लाँच किया है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बैंडिकूट मिनी मैनहोल रखरखाव तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पड़ाव है। हाइब्रिड, स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रिक वेरिएंट में उपलब्ध, बैंडिकूट मिनी दक्षता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई जरूरतों को पूरा करता है।
4 लाख रुपये की शुरुआती कीमत के साथ, यह सौर-संचालित समाधान एक चिकना और सहज उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस, उन्नत दृश्यता के लिए आईपी 68 कैमरे और एक ऑटो क्लीनिंग सुविधा का दावा करता है, जो शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए उपयाेगी है। जेनरोबोटिक्स के सीईओ विमल गोविंद एम.के. ने बैंडिकूट मिनी का उल्लेख करते हुये कहा कि “बैंडिकूट मिनी की शुरूआत मैनहोल सफाई प्रथाओं में क्रांति लाने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
हमारा प्राथमिक मिशन प्रत्येक नगर निगम में बैंडिकूट मिनी को तैनात करना है, जिससे इस समस्या को दूर किया जा सके। यह प्रयास नवप्रवर्तन और सामाजिक प्रगति के प्रति जेनरोबोटिक्स के अटूट समर्पण को रेखांकित करता है।” जेनरोबोटिक्स का प्रमुख उत्पाद, बैंडिकूट, जिसे दुनिया का पहला रोबोटिक्स स्कैवेंजर माना जाता है, ने भारत के स्वच्छता परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।
19 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी पहुंच बढ़ाते हुए, बैंडिकूट ने न केवल स्वच्छता मानकों को बढ़ाया है बल्कि हाथ से मैला उठाने की प्रथा को भी खत्म कर दिया है। अपने तकनीकी प्रभाव से परे, समाधान ने तकनीकी प्रशिक्षण, सामाजिक एकीकरण और सशक्तिकरण कार्यक्रमों के माध्यम से 2400 से अधिक मैनुअल स्कैवेंजरों को सशक्त बनाया है।