विशेष साक्षात्कार
मुस्कान शर्मा | गौरवशाली भारत
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पहले प्रयास में सफलता पाना आसान नहीं होता है। कई बार तो अभ्यर्थियों को लंबा समय लग जाता है। हालांकि, आज हम बात करने जा रहे हैं ज्योति सागर की, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपी पीसीएस-जे में परीक्षा पास किया है। इस श्रेष्ठ सफलता के साथ महज़ 26 साल की ज्योति सागर ने 261 रैंक प्राप्त किया है। उनकी इस सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है। इसी कामयाबी पर उनके माता-पिता भाई-बहन और रिश्तेदार सभी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। ज्योति सागर को परिवार-परिजनों के अलावा उनके क्लासमेट फ्रेंड्स द्वारा भी बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं मिल रही हैं।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपी पीसीएस जे ने प्रांतीय सिविल सेवा न्यायपालिका परीक्षा पीसीएस-जे 2023 का परिणाम बुधवार देर शाम घोषित किया। जिसमें चयनित अभ्यर्थी खुशी से झूम उठे। इसमें दीपचंद सागर एवं माता अल्का सागर की छोटी बिटिया ज्योति सागर ने अपना परचम लहराते हुए देश की सभी बेटियों के लिए एक मिसाल कायम कर दी हैै। उनके पिता दीपचंद सागर उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। उनका स्थानांतरण पांच वर्ष पहले उन्नाव हो गया था। फिलहाल उनकी पोस्टिंग कानपुर उन्नाव में है। श्री सागर परिवार मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले है। उनकी बेटी ज्योति सागर को मिली इस सफलता से परिवार एवं परिजनों में प्रसन्नता बनी हुई है। हर जगह से ज्योति सागर को बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं मिल रही हैं।
राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र गौरवशाली भारत को दिए साक्षात्कार में ज्योति सागर ने अपनी यूपी पीसीएस जे की परीक्षा परिणाम में मिली सफलता के रहस्य बताए। साथ ही उन्होंने अपना अनुभव साझा किया और अपनी सफलता के टिप्स बताये। गौरवशाली भारत संवाददाता से टेलिफ़ोनिक वार्तालाप में ज्योति सागर से बातचीत के प्रमुख अंश युवाओं के लिए प्रेरणादायी हैं।
सवाल – आपको न्यायधीश बनने और यूपी पीसीएस परीक्षा देने के लिए कहां से प्रेरणा मिली ?
जवाब – 12वीं कक्षा मे मेरी मुलाकात एक जज से हुई उनको देखकर मैं उनसे काफी प्रेरित हुई और उनके जैसा बनने का सोचा तभी से मैंने जज बनने के बारे में रिसर्च करना शुरू किया। काफी तलाश के बाद जब मुझे पता चला की जज बनने के लिए लॉ करना पड़ता है। तो मैंने एलएलबी के लिए एडमिशन लिया उसके बाद एलएलएम भी किया। ग्रेजुएशन के दौरान जब मैं देखा करती थी कि, मेरे काफी सारे टीचर्स और सिनियर्स का सेलेक्शन जुडिशरी मे हो रहे हैं तो मुझे उनसे और ज्यादा प्रेरणा मिलती रही।
सवाल – आजकल की युवा पीढ़ी असफलता के डर से निराश हो जाती है और जल्द ही हार मान लेती है। यहां तक खुदकुशी भी कर लेते हैं। उन सभी के लिए आप एक मिसाल बनी हैं। ऐसे में आप युवा पीढ़ी को क्या कहना चाहेंगी?
जवाब – अगर आपने कुछ करने की मन में ठान ली हो तो आपको उसमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। बस एक बार जो आपने सपना देखा है, उसे पूरा करने का जज्बा मन में जगा लो तो, सपने पूरे करने से कोई आपको रोक नहीं सकता।
सवाल – यूपी पीसीएस जे में कामयाब होने के लिए आपने कितनी मेहनत की और दिन में आप रोजाना कितने घंटे पढ़ाई किया करती थी ?
जवाब – मैंने कभी घंटों के हिसाब से पढ़ाई नहीं की मैं रोज रात में अपने लिए एक टारगेट सेट करती थी, कौन-सा टॉपिक मुझे अगले दिन पूरा करना है। और उस लक्ष्य पर पूरी मेहनत लगा देती थी। उस टारगेट को पूरा करने में फिर चाहे मुझे कितना ही समय क्यों ना लग जाये अपने टारगेट को पूरा करने मे मै उसे पूरा किये बिना नहीं सोती थी। चाहे दिन मे एक घंटा भी पढ़ना है। लेकिन मन लगा कर पड़ना है।
सवाल – आप एक न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने वाली हैं। आप किस तरह न्याय और अन्याय में आंकलन करेगी ?
जवाब – मैं पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर काम करूगीं और जो भी कानून में लिखा है उसी का पालन करते हुए सच का साथ दूगीं और ईमानदारी से काम कर लोगों को न्याय दिलाउंगी ।
सवाल – समाज मे लड़कियों के लिए आप एक प्रेरणा बनी है। आज जो लड़कियां समाज के डर की वजह से आगे नहीं बढ़ पाती है उन लड़कियों के लिए आप क्या कहना चाहती है ?
जवाब – बस मैं सभी लड़कियों को यही कहूँगी की समाज क्या कहेगा, उस पर ध्यान ना दें। आप अपने सपनों पर ध्यान दें और उन्हें पूरा करें। क्योंकि, समाज कहता है कि लड़की घर के काम करने, घर संभालने के लिए बनी है उनका सिलेक्शन बड़े लेवेल पर बहुत कम हो पाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है मेरा मानना है की लड़कियां घर के काम के साथ बाकि सब काम भी कर सकती है।
ज्योति बताती है कि, वह खुद भी घर के सारे काम करती है पूरा घर संभालती है अपने माता-पिता की सेवा करती है ऐसा नहीं वह पूरा दिन पढ़ाई किया करती थी घर संभालने के साथ उन्होंने अपना सपना भी पूरा किया।
सवाल – आपके परिवार में कौन – कौन है?
जवाब – मुझसे बड़ी तीन बहने हैं। तीनों बहनें शादीशुदा है एक छोटा भाई है और ममी-पापा हैं।
सवाल – आपके इस सफर के दौरान आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?
जवाब – कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं जिस वजह से हम अपने काम को लेकर स्थिरता नहीं बना पाते है। पढ़ाई करते समय भी कही बार ऐसा हुआ है मेरे साथ में स्थिरता नहीं बना पाती थी लेकिन इसके बावजूद भी मैं सभी चीजों को अच्छे से कवर कर लिया करती थी।
सवाल – आगे आपका क्या प्लान रहेगा और अब आप एक महिला जज होने के नाते महिलाओं को किस तरह न्याय दिलाएंगे ?
जवाब – मेरी यही कोशिश रहेगी की मैं सही जजमेंट दूगीं और आगे भी अपने सही फैसलों से मिसाल कायम करेंगें महिलाओं के खिलाफ आजकल कुछ अपराध ऐसे होते हैं जो समाज के डर से बाहर भी नहीं आते है। महिलाएं चुप कर जाती हैं या फिर उन्हें दबा दिया जाता है। मेरी कोशिश होगी की मैं सभी महिलाओं के अधिकारों के प्रति उन्हें न्याय मिले।
बातचीत के अंत में ज्योति सागर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने मेरठ लाॅ एकेडेमी से कोचिंग लिया। ऐश्वर्य राघव सर से उन्हें मार्गदर्शन मिला। साथ ही ज्योति सागर ने कहा – मेहनत सभी छात्र करते हैं। लेकिन, उसके साथ अगर आपको सही मार्गदर्शन मिलता है तो, आपका हर फील्ड में सिलेक्शन होना तय है।