लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सा को व्यवसाय के बजाय चैरिटी या सेवा के रूप में देखने की जरूरत पर बल देते हुए निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों से आयुष्मान और जन आरोग्य योजना से जुड़ने का आह्वान किया है। योगी ने लखनऊ में कैंसर के रोगियों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिये ग्लोबल हैल्थकेयर हॉस्पिटल में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कैंसर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रदेशवासियों की आवश्यकतानुसार चिकित्सा क्षेत्र में शासन स्तर पर ढेर सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। चिकित्सा क्षेत्र में रोज नए प्रयोग व आविष्कार हो रहे हैं। ऐसे में शासन के साथ साथ अब निजी क्षेत्र के अस्पताल भी अपनी भागीदारी देने के लिए आगे आ रहे हैं जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को काफी मदद मिलेगी।
योगी ने कहा कि मुंबई स्थित टाटा कैंसर अस्पताल में इलाज कराने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या उत्तर भारत के लोगों की है। हर संस्थान की अपनी एक क्षमता होती है। यूपी की आबादी और क्षेत्र के अनुसार चिकित्सा सुविधाओं की मांग अधिक थी। ऐसे में शासन स्तर पर लखनऊ में एसजीपीजीआई के बाद कल्याण सिंह जी के नाम पर कैंसर इंस्टिट्यूट का निर्माण कराया गया। उन्होंने कहा कि इस नए प्राइवेट कैंसर अस्पताल में लगभग 200 बेड हैं। अस्पताल अत्याधुनिक मशीनें, जांच की सुविधा, सीटी स्कैन और एमआरआई समेत कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस अस्पताल के संचालन से एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी सहूलियतें मिल सकेंगी।
उन्होंने कहा कि यूपी को पहले खराब चिकित्सीय सुविधाओं के कारण जाना जाता था पर अब यूपी एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज पर तेजी से काम कर रहा है। साल 1947 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे लेकिन 2017 के बाद महज पांच सालों में 59 मेडिकल कॉलेज बने। केन्द्र सरकार की योजनाओं की मदद से उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि उप्र ने कई मॉडल दिए। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के अंतिम चरणों में है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में व्यवसाय नहीं चैरिटी का भाव होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेज भी आयुष्मान और जन आरोग्य से ज्यादा से ज्यादा जुड़ें जिससे प्रदेशवासियों को बेहतर सुविधाएं व आर्थिक मदद मिलेगी।