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नीतीश कुमार को किसी ने भाव नहीं दिया

विपक्षी एकता का गुब्बारा फुस्स

पटना : सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष का कोई दल भाव नहीं दे रहा है इसलिए हताश होकर वह खुद को पीएम-पद की रेस से बाहर बता रहे हैं। मोदी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष का कोई दल भाव नहीं दे रहा है इसलिए हताश होकर वह खुद को पीएम (प्रधानमंत्री)-पद की रेस से बाहर बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे तीन महीने से दिल्ली नहीं गए और जिनसे मिलकर आए थे, उनमें से किसी ने पलट कर पूछा नहीं।
भाजपा सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के दवाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ा, स्वयं को पीएम प्रोजेक्ट करने वाले नारे लगवाये और बिहार की तरह देश का नेतृत्व करने के इरादे जाहिर करने वाले होर्डिंग तक लगवाये। अब कह रहे हैं कि वे इस स्पर्धा में नहीं हैं। यह दोहरापन लोग देख रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव में श्री राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाने की मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की राय का स्वागत किया और कहा कि भाजपा भी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच सीधा मुकाबला हो। श्री नीतीश कुमार को कोई स्वीकार नहीं करेगा।
मोदी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार को न राहुल गांधी ने अपनी यात्रा में बुलाया, न सोनिया गांधी को पंजाब चुनाव के बाद मिलने का वक्त देने की बात याद रही। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को भी पद ग्रहण किये दो महीने हो गए लेकिन श्री नीतीश कुमार को बुलावा नहीं आया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता का जो गुब्बारा उड़ाया था वह फुस्स हो चुका है। ममता बनर्जी , केसीआर, केजरीवाल-सबने हाथ खींच लिए।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव, मायावती, जयंत चौधरी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। केजरीवाल किसी दल से गठबंधन या तालमेल करने को तैयार नहीं। जनता परिवार की एकता के प्रयास भी विफल रहे।
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्षी दलों को हर हाल में एकजुट करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हुए आज फिर कहा कि वह प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं है और उन्हें इस पद की दावेदारी में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को समर्थन देने में भी कोई दिक्कत नहीं है।

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