सोनभद्र : ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाला एनटीपीसी रिंहद अब बिजली उत्पादन के साथ कोयला जलने से निकलने वाली फ्लू गैस कार्बन डाइऑक्साइड को एकत्रित कर यूरिया बनाएगा। इससे जहां पर्यावरण को फायदा होगा वहीं यूरिया बनने से किसानों को भी जवर्दस्त फायदा होगा ।
एनटीपीसी रिंहद के परियोजना प्रमुख पंकज मेदीरत्ता ने बुधवार को बताया कि तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाले रिहन्द परियोजना से भारी मात्रा में कोयला जलने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है। जिसे अब वहीं पर एकत्रित कर उससे यूरिया बनाने का कार्य किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मार्च 2025 तक यह प्रोजेक्ट पूर्ण होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने पर पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी क्योंकि प्लांट में लाखों टन कोयला जलता है जिससे भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड पैदा होती हैं, जिसे वहीं पर एकत्रित कर यूरिया बनाया जाएगा। परियोजना प्रमुख ने बताया कि इससे बनने वाली यूरिया से किसानों को फायदा होगा ।