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यूपी में भारत बंद का आंशिक असर

लखनऊ : अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों के भारत बंद के आवाहन का उत्तर प्रदेश में फिलहाल का आशिंक असर दिखा। बंद के दौरान लखनऊ,कानपुर और प्रयागराज समेत कई जिलों में दुकाने और व्यापारिक प्रतिष्ठान समय से खुले वहीं सड़क और रेल यातायात पर भी दोपहर 12 बजे तक बंद का कोई असर नहीं दिखा। स्कूल कालेज खुले हुये हैं और सड़कों पर भीड़भाड़ सामान्य दिनो की तरह दिखी। दलित बस्तियों में हालांकि गली कूचों की फुटकर दुकाने बंद रहीं।
समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बंद का समर्थन किया है। बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये सुरक्षा बलों को चौकस कर दिया गया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बंद का समर्थन करते हुये एक्स पर पोस्ट किया “ आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है।”
उन्होने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शांतिपूर्ण तरीके से बंद का समर्थन करते हुये कहा “ बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को एससी एसटी के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश।”
उन्होने कहा कि इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने आदि की माँग जबरदस्त, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किये जाने की अपील।
सुश्री मायावती ने कहा “ एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियाँ समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें।”

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