चंडीगढ़ : चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन (सीएचजेयू) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर पत्रकारों की मांगों को रखा, जिनमें मान्यता और पेंशन संबंधी नियमों में हाल में किये परिवर्तनों पर पुनर्विचार करने और अधिसूचना को वापस लेने को कहा।
यूनियन की यहाँ जारी विज्ञप्ति के अनुसार अध्यक्ष राम सिंह बराड़, प्रदेश अध्यक्ष बलवंत तक्षक ने मुख्यमंत्री नायब सिंह को दिये ज्ञापन में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए 10 हजार महीना पेंशन को बढ़ाकर 15 हजार करते समय जो अधिसूचना जारी की है, उसमें कुछ शर्तें ऐसी जोड़ी गयी हैं, जो तर्कसंगत नहीं हैं।
यूनियन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि 14 नवंबर, 2023 की अधिसूचना को वापस लिया जाए। यूनियन ने कहा कि विभाग द्वारा जारी नयी अधिसूचना अनुसार परिवार के सिर्फ एक सदस्य को ही पेंशन मिल सकेगी। यापी अगर पति और पत्नी दोनों पत्रकार हैं, तो उनमें अगर पति को पहले पेंशन शुरू हो गयी, तो पत्नी को पेंशन नहीं मिलेगी। पुराने नियमों में ऐसी कोई पाबंदी नहीं थी। इसके अलावा पुराने नियमों में यह प्रावधान था कि अगर पेंशन पाने वाले पत्रकार का निधन हो जाता है, तो उसके जीवन साथी (पत्नि अथवा पति) को पूरी पेंशन मिलेगी। यानी उस समय पत्रकार का निधन होने पर उसके जीवन साथी को पूरी 10 हजार रुपये महीना पेंशन मिलती थी। नये नियमों के अनुुसार अब उनके लिए पेंशन 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार होने की बजाय घटाकर 7,500 रुपये कर दी गयी है। इन नियमों में एक यह भी प्रावधान किया है कि किसी पत्रकार के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज होने पर उसकी पेंशन बंद कर दी जायेगी। यूनियन के अनुसार यह शर्त भी न्यायसंगत नहीं है। इसके अलावा भी पेंशन प्रदान करने के नियमों को सरल करने की बजाय अब और ज्यादा कड़े और सख्त कर दिये हैं। नये नियमों में यह भी प्रावधान किया है कि पेंशन पाने वाले पत्रकारों के लियी पीपीपी कार्ड जरूरी है। पेंशन पाने वाले चंडीगढ़ व अन्य स्थानों पर रह रहे पत्रकारों के पीपीपी कार्ड बन नहीं रहे हैं।
यूनियन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पत्रकारों को कर्मचारियों की तरह कैशलैस मेडिकल सुविधा देने का ऐलान किया था लेकिन अभी तक पत्रकारों को कैशलैस मेडिकल कार्ड नहीं मिले हैं। मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि सभी पत्रकारों को यह सुविधा देते हुये पत्रकारों के कैशलेस मेडिकल कार्ड जल्दी बनवाये जायें और पत्रकारों की निशुल्क बस सुविधा पर लगी किलोमीटर सीमा हटाने सहित पत्रकारों की अन्य लंबित सभी मांगे भी जल्दी लागू करवायें।